तालिबान ने कहा, ‘कश्मीर के मुसलमानों की आवाज उठाने का हमें अधिकार
टीम इंस्टेंटख़बर
कश्मीर को लेकर तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा है कि वहां के मुसलमानों की आवाज़ उठाने का हमें पूरा अधिकार है, यह बयान उन्होंने बीबीसी उर्दू से एक बातचीत में कही.
बातचीत में सुहैल शाहीन ने अमेरिका के साथ हुए दोहा समझौते की बात करते हुए कहा कि किसी भी देश के खिलाफ सशस्त्र अभियान चलाना उनकी नीति का हिस्सा नहीं है। दोहा से बात करते हुए शाहीन ने कहा, “एक मुसलमान के तौर पर, भारत के कश्मीर में या किसी और देश में मुस्लिमों के लिए आवाज उठाने का अधिकार हमारे पास है।” सुहैल शाहीन ने कहा, “हम आवाज उठाएंगे और कहेंगे कि मुसलमान आपके लोग है, अपने देश के नागरिक हैं। आपके कानून के मुताबिक वो समान हैं।”
इससे पहले अन्य तालिबानी प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर विवाद पर कहा था कि भारत को घाटी के प्रति ‘सकारात्मक दृष्टिकोण’ अपनाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा था कि भारत और पाकिस्तान को एक साथ बैठना चाहिए और मामलों को हल करना चाहिए, क्योंकि दोनों पड़ोसी हैं और उनके हित एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।
साल 2019 में अनुच्छेद-370 के निरस्त होने के बाद केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर का प्रशासन सीधे अपने हाथों में ले लिया और कई वादे किए गए, हालांकि स्थानीय निकाय चुनावों के आयोजन से राजनीतिक गतिविधि बहाल हो गई है, लेकिन अलगाव की भावना कम नहीं हुई है।