तालिबान को मिला चीन और ईरान का समर्थन
टीम इंस्टेंटखबर
अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी का चीन, ईरान और पाकिस्तान ने स्वागत किया है। चीन ने सोमवार को उम्मीद जताई कि तालिबान अफगानिस्तान में खुले एवं समग्र इस्लामिक सरकार की स्थापना के अपने वादे को निभाएगा और बिना हिंसा एवं आतंकवाद के शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता हस्तांतरण सुनिश्चित करेगा।
अफगानिस्तान की सरकार गिरने के बाद पहली बार प्रतिक्रिया जताते हुए चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने पत्रकारों से बातचीत में उम्मीद जताई कि तालिबान सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण के वादे को निभाएगा, अफगान नागरिकों और विदेशी राजदूतों की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी लेगा।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता आगे कहा कि अफगानिस्तान के ग अपनी किस्मत का फैसला खुद करें, चीन उनके इस हक की इज्जत करता है। चीन अफगानिस्तान के साथ मैत्रीपूर्ण और सहयोगात्मक रिश्ते विकसित करने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए इच्छुक है।
वहीँ ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने कहा है कि अफगानिस्तान में फौज की शिकस्त और अमेरिका की वापसी को शांति और सुरक्षा की बहाली के एक मौके के तौर पर देखा जाना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ईरान अफगानिस्तान में स्थिरता बहाल करने के लिए मदद करेगा और फिलहाल ये उसकी पहली जरूरत है।
रईसी ने कहा कि ईरान पड़ोसी और बिरादर देश की हैसियत से अफगानिस्तान के सभी गुटों को राष्ट्रीय सहमति बनाने के लिए निमंत्रण देता है। उन्होंने कहा कि ईरान ये मानता है कि अफगानिस्तान के लोगों की भी यही मर्जी है कि वहां स्थिरता और सुरक्षा का माहौल बने।