परीक्षा के अंकों से नहीं होता प्रतिभा का आंकलन : डॉ.नीता
राजकीय इण्टर कॉलेज के छात्रों को मानसिक स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दिए टिप्स
हमीरपुर
राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत मंगलवार को राजकीय इण्टर कॉलेज में जीवन कौशल एवं तनाव प्रबंधन की कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस मौके पर छात्रों को तनाव से बचने और सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा दी गई।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिला अस्पताल के मनकक्ष की साइको थेरिपिस्ट डॉ.नीता ने कहा कि छात्र जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। अंकों से किसी की भी प्रतिभा का आंकलन नहीं किया जा सकता है। परीक्षा में पास-फेल का खेल चलता रहता है। कुछ छात्र असफलता का तनाव नहीं झेल पाते और गलत कदम उठा लेते हैं। जबकि जीवन अनमोल है। एक परीक्षा पास नहीं हुई या नंबर कम आए तो उसका यह आशय नहीं होता है कि जीवन समाप्त कर लिया जाए। उन्होंने छात्रों से सकारात्मक सोच के साथ ही आसपास के वातावरण से खुद को जोड़कर शिक्षण कार्य करने की सलाह दी। डॉ.मानसी ने जीवन कौशल और तनाव प्रबंधन के विषय के साथ ही मानसिक विकारों के प्रकारों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
प्रधानाचार्य डॉ.योगेश ज्ञानी ने कहा कि छात्र पढ़ाई के दौरान तनाव से दूर रहे। योगा के साथ ही नियमित व्यायाम भी करते रहे ताकि सकारात्मक ऊर्जा मिलती रहे। जीवन में उतार-चढ़ाव आते-जाते रहते हैं, पर उन्हें अपने ऊपर हावी न होने दें।
कार्यशाला में कक्षा नौ से लेकर 12वीं तक के छात्र शामिल हुए। इस दौरान छात्रों के एक समूह ने पढ़ाई में मन नहीं लगने, कम समय में ज्यादा तैयारी कैसी की जाए जैसे प्रश्न भी पूछे। जिनका मानसिक स्वास्थ्य विभाग की टीम ने संतुष्टिपूर्ण जवाब दिया और कुछ मामलों के लिए छात्रों को काउंसिलिंग के लिए अस्पताल आने की सलाह दी। इस कार्यक्रम में प्राध्यापक बाबूराम कनौजिया, जितेंद्र सचान, कम्युनिटी नर्स प्रगति गुप्ता आदि मौजूद रहे।
कक्षा दसवीं के छात्र अनिल कुमार, वीरेंद्र, अक्षय आदि ने कार्यक्रम के बाद कहा कि आज उन्हें जो जानकारी इस कार्यशाला से मिली है, उसे वह अपने जीवन में उतारने का प्रयास करेंगे और अनावश्यक तनाव नहीं लेंगे।