जज्बात उभारकर वोट लेना राष्ट्रवाद नहीं: प्रियंका गांधी
टीम इंस्टेंटखबर
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने आज सिद्धार्थ नगर में आयोजित जनसभाओं में जाति- धर्म की राजनीति करने वालों को घेरते हुए कहा कि उनका मकसद विकास करना नहीं है।
कांग्रेस महासचिव ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि चुनाव के समय तमाम राजनीतिक दलों के नेता आकर आपके सामने भाषण देते हैं। सपा, बसपा और भाजपा के नेता जब चुनाव आता है, धर्म और राजनीति की बात करते हैं। उनकी राजनीति जाति और धर्म पर टिकी है। धर्म-जाति के नाम पर यह लोग चुनाव तो जीत जाते हैं, लेकिन आपके क्षेत्र में काम नहीं होता है। आपने कभी सोचा कि आपके क्षेत्र का विकास क्यों नहीं होता है ? यह सिलसिला चल निकला है कि चुनाव जीतने के बाद न तो कोई पाठशाला बनाता है, न सड़कें बनाता है, न बिजली आती है। आपके क्षेत्र में उद्योग धंधे नहीं हैं, महिलाओं पर अत्याचार के खिलाफ नहीं बोलता है, महिलाओं के सशक्तिकरण की बात नहीं करता है। यह सिलसिला शुरू हुआ, जब उत्तर प्रदेश में जातिवाद और धर्म के नाम पर राजनीति उभरी और आपने उसका समर्थन किया। तब से कई दशक बीत गए, सपा, बसपा, भाजपा सबने सरकार बनाई। जिसने जाति-धर्म की बात की आपने उसे वोट दिया। इस तरह से इन पार्टियों के नेताओं के मन में उनके दिमाग में कुछ धारणाएं स्थापित हो गईं कि जब चुनाव आएगा तो हमें धर्म और जाति के आधार पर वोट मिलना ही है। इसलिए उन्हें काम करने की क्या जरूरत है ? आपने इन नेताओं को निकम्मा बना दिया है। आपके जज्बातों को उभारकर वोट लेना इनकी आदत बन चुकी है।
उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने आजादी के लड़ाई लड़ी, किसी ने उनका धर्म नहीं पूछा। किसान, गरीब, नौजवान और महिलाओं ने कंधे से कंधा मिलकर आजादी की लड़ाई लड़ी और अंग्रेजों को देश से निकाल दिया। पूर्वजों ने एक संविधान दिया। आपके पूर्वजों ने इसलिए आजादी नहीं दिलवाई थी कि आपके बच्चे बेरोजगार रहें, आपकी बहन-बेटियों पर अत्याचार हो। आजादी आपको इसलिए दिलवाई ताकि आप सशक्त बनें, आत्मनिर्भर बनें, आपके बच्चे अपने पैरों पर खड़े हों। पंडित नेहरू ने इस देश में बीएचईएल, एचएएल, आईआईटी, एनटीपीसी जैसे बड़े बड़े संस्थान बनवाए ताकि आपको रोजगार मिल सकें। उससे देश के नौजवान सक्षम हुए, अपने पैरों पर खड़े हुए। उस समय ऐसे नेता थे जो आपके विकास के लिए काम करते थे। लेकिन धीरे धीरे पूरी राजनीति धर्म और जाति पर टिक गई। उसका भयानक दुष्परिणाम सामने आया है।
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि भाजपा सरकार की नीतियां लोगों की कमर तोड़ रही हैं। कहते थे कि कालाधन वापस आ जाएगा, राष्ट्रवाद के नाम पर बरगला रहे हैं। आपके हित का कोई काम तो किया नहीं, महंगाई के चलती आपकी जेब जरूर खाली हो गई है। रोजगार देने वाले तमाम व्यवसाय बंद होने की कगार पर हैं। महिलाओं को एक गैस सिलिंडर मुफ्त देकर सोचते हैं कि इनकी जिम्मेदारी ख़त्म। पांच साल से प्रदेश में 12 लाख सरकारी पद खाली पड़े हैं, क्योंकि उनको पता है कि कोई पूछने वाला नहीं है। तमाम नौजवान बेरोजगार हैं, पद खाली हैं, लेकिन रोजगार नहीं दिया। रोजगार देने वाली संस्थाओं को अपने अमीर उद्योगपति दोस्तों को बेच डाला। किसानों के लिए काले क़ानून लेकर आए। आज प्रदेश में किसान को उसकी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल रहा, खाद नहीं मिल रही है, बिजली आ नहीं रही बस उसका बिल आ रहा है। किसान की कमाई ही नहीं हो पा रही है, वह रोजगार कैसे दिला पाएगा। नोटबंदी और जीएसटी ने छोटे दुकानदार और व्यवसायी की कमर तोड़ दी है।
भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि इन्होंने न रोजगार दिया, न किसान को मजबूत किया, महिलाओं पर अत्याचार बढ़ते गए, इसके बावजूद मंच पर खड़े होकर कहते हैं कि हम ही जीतेंगे। सीए-एनआरसी आंदोलन में कोई दिखा नहीं, जब दलितों पर अत्याचार हुआ, तब कोई नहीं दिखा, हाथरस, उन्नाव, शाहजहांपुर में हुए अत्याचारों पर, कोई राजनीतिक दाल न्याय के लिए संघर्ष करता नहीं दिखा, वहां सिर्फ कांग्रेस दिखी। लखीमपुर खीरी में मोदी के मंत्री के बेटे ने किसानों को अपनी गाड़ी से कुचल दिया, एक पत्रकार को भी मार डाला गया, लोगों को बेरहमी से मार डाला गया, जब हम मिलने जा रहे थे, तब सैकड़ों पुलिस वाले तैनात कर दिए गए। लेकिन जब किसानों को गाड़ी से कुचला गया, क़त्ल हो रहे थे, तब वहां कोई पुलिस नहीं थी।
उन्होंने कहा कि न्याय के लिए जब कांग्रेस सड़क पर संघर्ष कर रही थी, तब सपा, बसपा के नेता घर से निकले ही नहीं, एक ट्वीट कर दिया और जिम्मेदारी ख़त्म। और भाजपा को छोड़ ही दीजिए, उस मंत्री का इस्तीफा तक नहीं माँगा। जब अत्याचार होता है, महंगाई बढ़ती है, बेरोजगारी बढ़ती तब धर्म-जाति की बात सामने आती है ? समस्याएं सबके यहां आती हैं, विकास सबके लिए होता है, तो यह राजनीतिक नेता मंचों से जाति धर्म की बात क्यों करते हैं। यह नेता पाकिस्तान, बुलडोजर, आतंकवाद और रूस-यूक्रेन की बात क्यों कर रहे हैं ? इससे क्या आपका पेट भर रहा है ? क्या रोजी रोटी मिल रही है ? आपकी तरक्की हो रही है ? नहीं। तरक्की सिर्फ इन नेताओं की हो रही है। यह समाजवादी दल और बसपा सब समझौते किए हुए हैं। भाजपा की सरकार बनने के बाद भी यह दल लोगों के मुद्दों पर खड़े नहीं होंगे। क्योंकि इनको डर है कि जांच हो जाएगी। इसलिए यह अपने घरों में दुबके रहते हैं।
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि आपके लिए संघर्ष सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस पार्टी ने किया है, कांग्रेस पार्टी ने आपको न्याय दिलाने के लिए आपका धर्म आपकी जाति नहीं पूछी। आपके खिलाफ अत्याचार हुआ, हिंसा हुई, पीड़ा हुई, दुःख हुआ, तो कांग्रेस के नेता आपके पास आए। क्योंकि वह समझते हैं कि आपके प्रति उनकी जिम्मेदारी क्या है। कांग्रेस पार्टी ने कभी नहीं चाहा कि लोग एक बोरे राशन पर निर्भर हों। भाजपा की सरकार ने एक बोरा राशन देकर अपनी जिम्मेदारी ख़त्म समझी। यह युवाओं को रोजगार नहीं दे रहे, महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार पर लगाम नहीं लगा पा रहे। इनको पता है कि जब आप इनपर निर्भर नहीं होंगे, तो जाति-धर्म की बातें बंद हो जाएंगी। नेताओं का धर्म है सेवा करना। इसलिए जागिए, यह लोग आपसे वोट ले लेते हैं, विकास नहीं करते हैं। जब तक इस प्रदेश के नौजवानों को रोजगार नहीं मिलेगा, इस प्रदेश का विकास नहीं हो सकता। इसीलिए कांग्रेस पार्टी ने एक खाका तैयार किया है, जिससे उत्तर प्रदेश विकसित होगा।