पटना से तौसीफ़ क़ुरैशी पटना।लोकतंत्र में चुनाव भी ऐसा मेला या उत्सव होता है कि इस मेले या उत्सव में शामिल क्या नेता क्या अभिनेता जनता जनार्दन के दरबार हाज़िरी लगाने को
लखनऊ से तौसीफ़ क़ुरैशी राज्य मुख्यालय लखनऊ।संघ देश में बहुसंख्यक के दिलोदिमाग़ में मुसलमानों के प्रति लगभग सौ साल से ज़हरीली एवं नफ़रतों के बीज बोता आ रहा है अब ज़हरीली खेती
लखनऊ से तौसीफ़ क़ुरैशी राज्य मुख्यालय लखनऊ।भूख , ग़रीबी व मजबूरी यह ऐसे शब्द है कहने में और सुनने में बहुत अच्छे लगते है नेताओं द्वारा बड़े-बड़े भाषण दिए जाते है जिसे
लखनऊ से तौसीफ़ क़ुरैशी राज्य मुख्यालय लखनऊ।सियासी खेल भी अजब ग़ज़ब होते है जनता इनके सियासी खेल का हिस्सा होती है इसमें जनता यह नहीं समझ पाती कि हमारी बात कर कौन
लखनऊ से तौसीफ़ क़ुरैशी आज़ादी के बाद देश में दो विचारधाराओं ने जन्म लिया एक विचारधारा ऐसी थी जिसमें सबको साथ लेकर चलने की रणनीति थी दूसरी विचारधारा देश को धार्मिक आधार
लखनऊ से तौसीफ़ क़ुरैशी राज्य मुख्यालय लखनऊ।यूपी की सियासत में अब पोस्टरों के ज़रिए सियासत को नई धार दी जा रही है।राजधानी लखनऊ में एक पोस्टर लगाया गया जिसमें यह संदेश देने
लखनऊ से तौसीफ़ क़ुरैशी राज्य मुख्यालय लखनऊ।जहाँ कोरोना वायरस देश भर में अपना क़हर बरपा रहा है और यूपी को अपनी ज़बरदस्त चपेट में लिए है वहीं यूपी के सियासी संग्राम का
लखनऊ से तौसीफ़ क़ुरैशी राज्य मुख्यालय लखनऊ।आम चुनाव 2019 में मिली करारी हार के बाद पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले कांग्रेस के नेता राहुल गाँधी लगता है अपनी बात
लखनऊ से तौसीफ़ क़ुरैशी राज्य मुख्यालय लखनऊ। कोविड-19 कोरोना वायरस के लगातार बढ़ रहे मामले जहाँ चिंता का सबब है वही ग़ैर सरकारी हॉस्पिटलों में आपदा को अवसर में बदलने का खेल