(पुण्यतिथि पर विशेष) श्री भगवान दास का जन्म 23 अप्रैल, 1927 को जुतोग छावनी, शिमला (हिमाचल प्रदेश) में रहने वाले एक अछूत परिवार में हुआ था। उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान
-एस आर दारापुरी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, आल इंडिया पीपुल्स फ्रन्ट कुछ समय पहले में एक साक्षात्कार में चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण ने कहा था कि वर्तमान दलित राजनीति का स्वर्णिम काल है। वैसे
डॉ. आंबेडकर को प्रायः दलितों के उद्धारक के रूप में पहचाना जाता है जबकि वे सभी पददलित वर्गों दलितों और पिछड़ों के अधिकारों के लिए लड़े थे. परन्तु वर्ण व्यवस्था के कारण
एस आर दारापुरी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, आल इंडिया पीपुल्स फ्रन्ट बाबासाहेब डॉ. भीम राव अम्बेडकर न केवल महान कानूनविद, प्रख्यात समाज शास्त्री एवं अर्थशास्त्री ही थे वरन वे दलित वर्ग के साथ-साथ श्रमिक
एस आर दारापुरी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, आल इंडिया पीपुल्स फ्रन्ट मायावती उत्तर प्रदेश की चार बार मुख्यमंत्री बनी। सामान्यतया यह अपेक्षा की जाती है कि इस दौरान उसने दलित हित में बहुत कुछ
-एस. आर. दारापुरी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट (बाबासाहेब के परिनिर्वाण दिवस पर विशेष) डॉ. आंबेडकर दलित राजनीति के जनक माने जाते हैं क्योंकि उन्होंने ही सब से पहले दलितों के
-एस.आर. दारापुरी राष्ट्रीय अध्यक्ष, आल इंडिया पीपुल्स फ्रन्ट 2015 में संसद में संविधान दिवस पर बोलते हुए भाजपा के प्रतिनिधि राजनाथ सिंह ने फिर दोहराया था कि संविधान में सेक्युलर शब्द का
सूरज येंगड़े द्वारा लिखित(अंग्रेजी से हिन्दी अनुवाद: एस आर दारा पुरी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, आल इंडिया पीपुल्स फ्रन्ट) “वर्ण और जाति को त्याग देना चाहिए। हमारे पूर्वजों ने गलतियाँ की हैं, और उन
एस आर दारापुरी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, आल इंडिया पीपुल्स फ्रन्ट डा. अंबेडकर दलित राजनीति के जनक माने जाते हैं। उन्होंने ने ही गोलमेज कांफ्रेंसों में दलितों को राजनीतिक अधिकार दिए जाने की मांग
–एस आर दारा पुरी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, आल इंडिया पीपुल्स फ्रन्ट एक समाचार-पत्र के अनुसार इस बार आरएसएस दलितों को जोड़ने के लिए एक बड़ा कार्यक्रम करने जा रहा है। इसके अनुसार पहली