मोहम्मद आरिफ़ नगरामी माहे रमज़ान अपनी तमामतर रहमतों, बाबरकात, अनवार व फुयूज़ात, नेक साआत और लम्हात, बाबरकात लैल व नहार, इबादत के मौसम बहार, क़रया क़रया मस्जिद मस्जिद और घर घर तिलावत
मोहम्मद आरिफ नगरामी जकात इस्लाम के बुनियादी रूकन में से एक अहम रूकन है शरीअत इस्लामन ने तमाम इबादती अमाल की अदायगी के तरीके भी अपने मानने वालो को अता फरमाये है