(कँवल भारती) राजनीति में हार-जीत लगी रहती है, लेकिन मौजूदा राजनीति में, राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्यों में कांग्रेस की हार ख़ास मायने रखती है। और वह इसलिए कि कांग्रेस की यह
(कँवल भारती) 1993 में तत्कालीन केन्द्र सरकार ने, जो कांग्रेस की थी, राजनीति में धर्म का उपयोग रोकने के लिए संसद में धर्म-विधेयक प्रस्तुत किया था. जाहिरा तौर पर कांग्रेस का मकसद
(कँवल भारती) जिस तरह उत्तर प्रदेश में भाजपा ने मायावती को मुख्यमंत्री बनाकर अपना जनाधार बढ़ाया, उसी तरह उसने बिहार में नितीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाकर अपनी ताकत बढ़ाई. मायावती और नितीश
आरएसएस के जाल से मुक्ति बिना वाल्मीकि समाज का स्वतंत्र विकास नहीं राजनीतिक नुकसान की भरपाई के लिए हुआ है सरकारी स्तर पर वाल्मीकि-जयंती मनाने का फैसला (कँवल भारती) उत्तरप्रदेश की भगवा
-कँवल भारती (नोट: यद्यपि यह लेख 2018 का है परंतु कंवल भारती का 2019 के चुनाव में भी बहुजन राजनीति की दुर्दशा का आंकलन बिल्कुल सही निकला।– एस आर दारापुरी) यह कहानी
कँवल भारती डा. आंबेडकर का मिशन ‘राजकीय समाजवाद’ था. मायावती जी के भक्त, जिन्होंने डा. आंबेडकर के साहित्य का कखग भी नहीं पढ़ा है, अगर चाहें तो उनकी एक किताब “राज्य और