एन. सिंह सेंगर धन-वैभव का लाभ छोडकर जन-कल्याण के लिए सर्वस्व त्यागना भारतीय संस्कृति का मूल आधार है। बर्बर के पंजे या भंवर-दलदल या दरिद्रता कुचक्र में फंसे और जीवन की मूलभूत