झंडा बुलंद सच का  है सारे जहान में,चर्चा हुसैनियत का ज़मीं आसमान में। माह मोहर्रम आ गया। हर तरफ़ हुसैन हुसैन की सदायें बुलंद होने लगीं। हर ख़ास ओ आम दरे इमाम