नई दिल्ली: राहुल द्रविड़ को यह स्वीकार करने में कोई दिक्कत नहीं कि वह जिस तरह से धीमी बल्लेबाजी करते थे, उसे देखते उनके लिए आज की इंटरनेशनल क्रिकेट में बने रहना