(टिप्पणी : संजय पराते) मन के इतिहास का एक कोना खाली हो गया और कविता की किताब का एक पन्ना फट गया। कॉमरेड बुद्धदेव भट्टाचार्य का आज सुबह इस दुनिया को अलविदा