Tag Archives: badal saroj

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संविधान पर बहस : बोले तो बहुत — मगर बताने के लिए कम, छुपाने के लिए ज्यादा

(आलेख : बादल सरोज) 🔵 संविधान पर हुई बहस में प्रधानमंत्री मोदी लगभग दो घंटा बोले, मगर ठीक वही बात नहीं बोली, जो बोलनी थी। लोकसभा में अपने कुल 110 मिनट के
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व्हाइट हाउस में जचगी और यहां सोहर का शोर

(आलेख : बादल सरोज) इस बार 5 नवम्बर को सभी को चौंकाते हुए, जो आदमी, अमरीका के राष्ट्रपति का चुनाव जीता है, यह निर्लज्ज नस्लवादी, अंग्रेजी में बोले तो रेसिस्ट बन्दा है
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फिलिस्तीन : आज अगर खमोश रहे, तो कल सन्नाटा ही बचेगा चहुँओर

(आलेख : बादल सरोज) 🔵 इतिहास में इसरायल नाम का देश दुनिया के नक़्शे पर कभी नहीं रहा। यहूदी धर्म के अनुयायी दुनिया भर के देशों में, कहीं थोड़े, कहीं बहुत थोड़े,
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कासगंज की रामलीला में शम्बूक का आत्मवध

(आलेख : बादल सरोज) शम्बूक को लेकर अनेक रामकथाओं में दर्ज प्रसंग से रूप में थोड़ा अलग, किन्तु सार में यथावत पूर्ववत, मंचन उत्तरप्रदेश में गंगा किनारे बसे सोरों के एक गाँव
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आर्यन और साबिर की बलि से शुरू हुआ भाजपा का हरियाणा चुनाव अनुष्ठान

(आलेख : बादल सरोज) वह जुनैद या अख़लाक़ नहीं था। नासिर या मुमताज़ भी नहीं था। हालाँकि ऐसा होना कोई गुनाह नहीं है। उसका नाम आर्यन था, वह मिश्रा भी था। सिर्फ
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‘पांचजन्य’ का जाति महिमा गान : पहुँची वहीं पे ख़ाक जहाँ का खमीर था

(आलेख : बादल सरोज) मोदी राज के घोटाले-दर-घोटाले उजागर होने और 4 जून को आये लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद से हर मोर्चे पर दिन में तीन के हिसाब से हो रही
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कांवड़िये : चारा भी, शिकार भी, हथियार में बदलते औजार भी

(आलेख : बादल सरोज) दिल्ली की ओर जाती सड़कें हैरान हैं, दिल्ली से हरिद्वार के सभी राजमार्गों पर कोहराम है, रोज उनसे गुजरने वाले यात्री और उनके आसपास रहने वाले नागरिक परेशान
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गिर रहे हैं और भी पुल, और बहुत सारे!!

(आलेख : बादल सरोज) कुछ हजार करोड़ में बने और अभी-अभी प्राण-प्रतिष्ठित बताये जाने वाले अयोध्या के मन्दिर की रिसन और उसकी ओर जाने वाली सड़कों का पाताल में समाना रुका भी
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संघ-भाजपा सीजन-2 से शुरू हुआ लड़खड़ाता मोदी 3.0

(आलेख : बादल सरोज) चुनाव खत्म होते ही घरेलू मेलोड्रामा का सीजन-2 शुरू हो गया। सीजन-1 का क्लोजिंग शॉट “अब हम बड़े हो गए हैं, अब हमें आर एस एस की मदद
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एनडीए के कंधे पर चढ़कर बेताल की वापसी के मंसूबे साधती भाजपा

(आलेख : बादल सरोज) चुनाव के पहले ही चुनाव बाद की सौ दिन की योजना का जो एलान किया गया था, उसकी शुरुआत लेखिका और एक्टिविस्ट अरुंधती राय और कश्मीर के शिक्षाविद