Tag Archives: badal saroj

Tweet about this on TwitterShare on LinkedInEmail this to someoneShare on FacebookShare on Whatsapp

व्हाइट हाउस में जचगी और यहां सोहर का शोर

(आलेख : बादल सरोज) इस बार 5 नवम्बर को सभी को चौंकाते हुए, जो आदमी, अमरीका के राष्ट्रपति का चुनाव जीता है, यह निर्लज्ज नस्लवादी, अंग्रेजी में बोले तो रेसिस्ट बन्दा है
Tweet about this on TwitterShare on LinkedInEmail this to someoneShare on FacebookShare on Whatsapp

फिलिस्तीन : आज अगर खमोश रहे, तो कल सन्नाटा ही बचेगा चहुँओर

(आलेख : बादल सरोज) 🔵 इतिहास में इसरायल नाम का देश दुनिया के नक़्शे पर कभी नहीं रहा। यहूदी धर्म के अनुयायी दुनिया भर के देशों में, कहीं थोड़े, कहीं बहुत थोड़े,
Tweet about this on TwitterShare on LinkedInEmail this to someoneShare on FacebookShare on Whatsapp

कासगंज की रामलीला में शम्बूक का आत्मवध

(आलेख : बादल सरोज) शम्बूक को लेकर अनेक रामकथाओं में दर्ज प्रसंग से रूप में थोड़ा अलग, किन्तु सार में यथावत पूर्ववत, मंचन उत्तरप्रदेश में गंगा किनारे बसे सोरों के एक गाँव
Tweet about this on TwitterShare on LinkedInEmail this to someoneShare on FacebookShare on Whatsapp

आर्यन और साबिर की बलि से शुरू हुआ भाजपा का हरियाणा चुनाव अनुष्ठान

(आलेख : बादल सरोज) वह जुनैद या अख़लाक़ नहीं था। नासिर या मुमताज़ भी नहीं था। हालाँकि ऐसा होना कोई गुनाह नहीं है। उसका नाम आर्यन था, वह मिश्रा भी था। सिर्फ
Tweet about this on TwitterShare on LinkedInEmail this to someoneShare on FacebookShare on Whatsapp

‘पांचजन्य’ का जाति महिमा गान : पहुँची वहीं पे ख़ाक जहाँ का खमीर था

(आलेख : बादल सरोज) मोदी राज के घोटाले-दर-घोटाले उजागर होने और 4 जून को आये लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद से हर मोर्चे पर दिन में तीन के हिसाब से हो रही
Tweet about this on TwitterShare on LinkedInEmail this to someoneShare on FacebookShare on Whatsapp

कांवड़िये : चारा भी, शिकार भी, हथियार में बदलते औजार भी

(आलेख : बादल सरोज) दिल्ली की ओर जाती सड़कें हैरान हैं, दिल्ली से हरिद्वार के सभी राजमार्गों पर कोहराम है, रोज उनसे गुजरने वाले यात्री और उनके आसपास रहने वाले नागरिक परेशान
Tweet about this on TwitterShare on LinkedInEmail this to someoneShare on FacebookShare on Whatsapp

गिर रहे हैं और भी पुल, और बहुत सारे!!

(आलेख : बादल सरोज) कुछ हजार करोड़ में बने और अभी-अभी प्राण-प्रतिष्ठित बताये जाने वाले अयोध्या के मन्दिर की रिसन और उसकी ओर जाने वाली सड़कों का पाताल में समाना रुका भी
Tweet about this on TwitterShare on LinkedInEmail this to someoneShare on FacebookShare on Whatsapp

संघ-भाजपा सीजन-2 से शुरू हुआ लड़खड़ाता मोदी 3.0

(आलेख : बादल सरोज) चुनाव खत्म होते ही घरेलू मेलोड्रामा का सीजन-2 शुरू हो गया। सीजन-1 का क्लोजिंग शॉट “अब हम बड़े हो गए हैं, अब हमें आर एस एस की मदद
Tweet about this on TwitterShare on LinkedInEmail this to someoneShare on FacebookShare on Whatsapp

एनडीए के कंधे पर चढ़कर बेताल की वापसी के मंसूबे साधती भाजपा

(आलेख : बादल सरोज) चुनाव के पहले ही चुनाव बाद की सौ दिन की योजना का जो एलान किया गया था, उसकी शुरुआत लेखिका और एक्टिविस्ट अरुंधती राय और कश्मीर के शिक्षाविद
Tweet about this on TwitterShare on LinkedInEmail this to someoneShare on FacebookShare on Whatsapp

न नीट, न क्लीन, नियुक्ति भी मलिन!!

(आलेख : बादल सरोज) बुजुर्गवार कह गए हैं कि इच्छाओं की कोई सीमा नहीं होती, वे लालच से लालसा में परिवर्तित होते हुए हवस तक पहुँचने की सम्भावनाओं से भरी होती हैं।