मोहम्मद आरिफ नगरामी जकात इस्लाम के बुनियादी रूकन में से एक अहम रूकन है शरीअत इस्लामन ने तमाम इबादती अमाल की अदायगी के तरीके भी अपने मानने वालो को अता फरमाये है
मोहम्मद आरिफ़ नगरामी रमजानुल मुबारक की आमद मुसलमानाने आलम के लिए किसी खुशी की नावेद से कम नहीं है। क्योंकि इस माहे खैर में रहमतों, नेमतों, बरकतों और इनायतों का नुजूल हर
मोहम्मद आरिफ नगरामी रमजानुल मुबारक का माहे मुकद्दस रहमतो बरकतो, साअदतों और फुयूज व इनामाते रब्बानी का गिरा बहां मजमुवा है, अहले ईमान इसकी आमद का पूरे साल दीदा व दिल फर्शे
मोहम्मद आरिफ नगरामी अल्लाह तआला ने सूरह बक़रा में इरशाद फ़रमाया कि ऐ इमान वालो!तुम पर रमज़ान के रोज़े फ़र्ज़ कर दिये गये हैं। जैसा कि तुम से पहले लोगो पर फर्ज़
मोहम्मद आरिफ नगरामी अल्लाह ताला ने उम्मते मोहम्मदिया को ऐसे फजाएल व शर्फ से नवाजा है जो दूसरी उम्मतों को नही हासिल थे अल्लाह ताला अपने महबूब मोहम्मद स.अ. पर दुरूर भेजता
मोहम्मद आरिफ नगरामी एक फन्ने तिब का माहिर अपने जमाने का सबसे मशहूर मआलिज जिसके हाथ से हजारो मरीज शिफा पा चुके हैं। वह एक मामूली मर्ज से अपनी इकलौती होनहार जवान
मो. आरिफ़ नगरामी हिन्दुस्तान के कोहिनूर हीरा ‘‘भारत रत्न‘‘ और हमारे वतन अज़ीज़ हिन्दुस्तान जन्नत निशां के साबिक वजीरे आजम हर दिलअजीज़ और बाग़ो बहार शख्सियत के मालिक बेहद शान्दार और नफीस
मोहम्मद आरिफ नगरामी तारीखे इन्सानी का दामन न जाने कितनी अहम ओैर अहदसाज शख्सियात से मुनव्वर है कि अगर कोई वक्फे-वक्फे से भी उनके कारहाय नुमायां को मुरत्तब करने लगे तो भी
मोहम्मद आरिफ नगरामी रोजनामा अपना अखबार के साबिक चीफ एडिटर, मुल्क के आलमी शोहरयतयाफ्ता सद एहतेराम सहाफी, बेहद शानदार और नफीस इंसान मोहतरम हफीज नोमानी साहब को इस दुनिया से रूख्सत हुये