मोहम्मद आरिफ नगरामी इन्शाह अल्लाह कल 13 रजबुल मुरज्जब के दिन पूरे आलमे इस्ंलाम के साथ साथ इल्म व अदब के मरकज लखनऊ में भी मुसलमानों के चौथे खलीफा, दमाद रसूल स0अ0
हिन्दुस्तान के आखिरी मुगल शहंशाह बहादुर शाह जफर के यौमे वफात 7 नवम्बर पर खुसूसी मजमून मोहम्मद आरिफ नगरामी हिन्दुस्तान के आखिरी शहंशाह बहादुर शाह जफर को मैकनिन मिस्किजी नाम के बहरी
यौमे पैदाईश पर ख़ासमोहम्मद आरिफ नगरामी उर्दू शेयर व अदबद की नराबगये रोजगार अब्करी शख्सियत, मुशायरों की मेयारी नेजामत के लिये मशहूर हिदुस्तान के आलमी शोहरतयाफता शायर, मुसन्निफ, दानिशवर ओैर माहिरे तालीम
मो. आरिफ़ नगरामी “रबीउल अव्वल” इस्लामी तकवीम और हिजरी साल का तीसरा महीना है। दीगर इस्लामी महीनों की तरह ये महीना भी नुमायां खुसूसियात का हामिल है, इस माह में दो ऐसे
मोहम्मद आरिफ नगरामी इस्लामी तकवीम का आगाज मोहर्रमुल हराम से होता है जिसका दूसरा महीना सफरूल मुजफ्फर है। मुसलमानों की कुछ तादाद इस महीने को मनहूस समझती है और बहुत सारी तकरीबात
मोहम्मद आरिफ नगरामी मुसलमान अपने दौरे फुतुहात में जहां कहीं भी गये अपने साथ इल्म तहज़ीब व तमददुन की रोशनी भी ले गये क्योंकि तारीख के इस राज को वह जान गये
मोहम्मद आरिफ नगरामी माहे मुहर्रम कमरी कलेण्डर का पहला महीना है और इस महीने की दसवीं तारीख को करबला के मैदान में नवासये रसूल सल0 हजरत हुसैन रजि0 मय अपने 72 अइज्जा
मोहम्मद आरिफ नगरामी हज की इबादत जिन अज़ीम अम्बियाई यादों से वाबस्ता है उनमें एक अहम यादगार एक ख़ातून, हज़रत हाजरा से मुताल्लिक़ है। एक मां का अपने बच्चे की प्यास बुझाने
मोहम्मद आरिफ़ नगरामी माहे रमज़ान अपनी तमामतर रहमतों, बाबरकात, अनवार व फुयूज़ात, नेक साआत और लम्हात, बाबरकात लैल व नहार, इबादत के मौसम बहार, क़रया क़रया मस्जिद मस्जिद और घर घर तिलावत