योगी शासन में मजबूत हुआ अवैध शराब कारोबारियों का सिंडिकेट: अजय कुमार लल्लू
लखनऊ: राज्य में जहरीली शराब के अवैध कारोबार और उसके सेवन से लगातार हो रही मौतों पर राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा कार्यवाही में ढिलाई बरतते हुये उन्हें अवैध जहरीली शराब के कारोबार को संरक्षण देने की नीति व जहरीली शराब के सेवन से हुई मौतों के बाद कांग्रेस ने राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन कर जनपद मुख्यालयों पर धरना देकर जहरीली शराब के सेवन से उजड़े परिवारों को आर्थिक सहायता देने व शराब माफियाओं व दोषी अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की मांग की, कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में प्रदेश अध्यक्ष श्री अजय कुमार लल्लू की मौजूदगी में भी धरना दिया गया।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी मुख्यालय में आयोजित धरने को सम्बोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष श्री अजय कुमार लल्लू ने कहा कि राज्य में भाजपा की योगी आदित्यनाथ सरकार के कार्यकाल में अवैध जहरीली शराब कारोबारियो का सिंडिकेट दिन प्रतिदिन मजबूत हुआ है जिसके चलते जहरीली शराब के सेवन से अब तक 500 से अधिक मानव जाने गयीं हैं, परिवार उजड़ गए हैं लेकिन शराब माफिया व्यवस्था के संरक्षण में बेखौफ होकर जहरीली शराब कारोबार में लगे हुए है, अंबेडकर नगर, आजमगढ़ की घटना के बाद अलीगढ़ में जिस तरह 106 से अधिक मानव जाने गयी उससे साबित होता है कि सरकार शराब माफियाओं पर नकेल कसने में नाकाम हुई है अथवा उसे व्यवस्था का पूरा संरक्षण प्राप्त है। इतनी मौतों की जिम्मेदारी लेते हुए आबकारी मंत्री को बर्खास्त किया जाना चाहिए।
उन्होंने जहरीली अवैध शराब के सेवन से 500 मौतों के लिये राज्य सरकार को दोषी ठहराते हुए उजड़े परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करने व अवैध जहरीली शराब कारोबारियों सहित आबकारी विभाग व सत्ता के उच्चपदों पर पदस्थ होकर इंसानी जानों से खिलवाड़ करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की मांग की।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि उत्तर प्रदेश में आबकारी विभाग के बढ़ते राजस्व से प्रसन्न मुख्यमंत्री ने आबकारी विभाग को मनमानी करने की छूट दे दी है जिस कारण प्रदेश में सरकारी कमीशनखोरी के चलते लगभग दस हजार करोड़ रुपये के अवैध जहरीली शराब का कारोबार फल-फूल रहा है उन्होंने कहा कि यदि सरकार का इसे संरक्षण नही है तो इतनी मौतों के बाद भी अंकुश क्यों नही लग पा रहा है? यह सवाल प्रदेश मुख्यमंत्री जी से पूछ रहा है और उन्हें सरकार के मुखिया के रूप में आगे आकर जवाब देना चाहिये।
उन्होंने मुख्यमंत्री व आबकारी मंत्री से सवाल पूछते हुए कहा कि इसके लिये जिम्मेदार कौन है? उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जहरीली शराब निर्माताओं व विक्रेताओं के सिंडिकेट को पूरा संरक्षण प्राप्त है, क्योंकि हर घटना के बाद कार्यवाही की बड़ी-बड़ी बातें करने के बाद भी सब पूर्व की भांति हो जाता है। क्योंकि मुख्यमंत्री या आबकारी मंत्री कभी भी इनपर इस तरह की कार्यवाही नही करते कि उनके हौंसले पस्त हो बल्कि दिखावे की कार्यवाही की जाती है, लेकिन एक दुखद घटना के बाद दूसरी घटना होने में देर नही लगती इसका मतलब साफ है कि शराब माफियाओं को सत्ता का साथ है छोटी मछलियों या उनके इक्का-दुक्का लोगो पर कार्यवाही का नाटक किया जाता है और उसके बाद यही जहरीली शराब के सौदागर बेखोफ होकर पुनः अपना काम करते हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने भाजपा सरकार से पूछते हुए कहा कि कौन बताएगा की उसके शासन में हर तरफ जहरीली शराब कैसे बिक रही है, अब तक 500 से अधिक परिवार उजड़ चुके है। उजड़े परिवारों के हिस्से में दर्द व अंधकारमय भविष्य सामने है उसके बाद भी सरकार कार्यवाही करने में देरी करने के साथ साथ उजड़े परिवारों को आर्थिक मदद करने को आगे नही आती यह सरकार और उसका आबकारी विभाग, स्थानीय पुलिस की शराब के सौदागरों के साथ बने नेक्सस का ही परिणाम है कि जहरीली शराब से हो रही मौतों का तांडव थमने का नाम नही ले रहा। उन्होंने कहा कि सत्ता व्यवस्था यदि शराब सौदागरों के साथ नही है तो विभाग के मंत्री से जवाब तलब क्यों नही करते मुख्यमंत्री? उन्होंने कहा कि प्रदेश में शराब माफिया आबकारी विभाग और पुलिस विभाग से मिलकर अन्य प्रान्तों से अवैध शराब की तस्करी कर करीब 10 हजार करोड़ के अवैध कारोबार को संचालित करके खुलकर मौत बांट रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री अजय कुमार लल्लू ने कहा कि सरकार के संरक्षणवादी लचर रवैये के कारण जहरीली शराब से मौतों के मामले पर पहले लीपापोती की जाती है और फिर जांच के नाम पर शराब माफियाओं को बचाने का काम किया जाता है, जिसके चलते अवैध व जहरीली शराब का कारोबार प्रदेश में लोगों की लगातार जिंदगी लील रहा है। उन्होंने अलीगढ़ सहित अन्य जनपदों में जहरीली शराब के कारोबार और उसमें संलिप्त अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग करते हुए उजड़े परिवारों की आर्थिक सहायता के साथ प्रत्येक परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देने की मांग की है।
पूर्व राज्यसभा सदस्य व छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी डाॅ0 पी.एल. पुनिया ने कहा कि 10 हजार करोड़ के अवैध व्यवसाय का संचालन कर योगीराज में जहरीली शराब से मौत बांटी गयी है, उन्होंने कहा कि सरकार ने आबकारी अधिनियम 1910 में संशोधन किया, तो वहीं हाईकोर्ट भी 12 अप्रैल 2017 को ही प्रदेश में जहरीली शराब के कारोबार को रोकने के लिए इसकी बिक्री करने वालों के विरूद्ध आजीवन कारावास, गैंगेस्टर व मृत्यु दण्ड जैसे सख्त दण्डात्मक कार्यवाही सुनिश्चित करने का आदेश दे चुका है, लेकिन फिर भी जहरीली शराब का कारोबार करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने के बजाय उन्हें संरक्षण देने की स्थित स्प्ष्ट रूप से बनी हुई है। जिसके चलते दूरदराज जिलों के ग्रामीण इलाकों की छोड़िए सरकार की नाक के नीचे राजधानी लखनऊ व उससे आसपास के जनपदों में भी योगी सरकार जहरीली शराब के व्यवसाय से हुई मौतों को रोकने में नाकाम रही है।