किसानों पर दमन सरकार के डर का प्रतीक:AIPF
- पूरे प्रदेश में एआईपीएफ कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन
लखनऊ: सरकार अगर छोटे-मझोले किसानों के प्रति ईमानदार है तो उसे कांट्रैक्ट फार्मिंग के जरिए उन्हें कारपोरेट के सामने मरने के लिए छोडने की जगह सहकारी खेती के लिए उनकी मदद करनी चाहिए। इसके लिए उसे दो या तीन गांव का कलस्टर बनाकर गांवस्तर पर ही उनकी फसल की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद और वहीं उसके सार्वजनिक वितरण प्रणाली से वितरण, ब्याज मुक्त कर्ज, कृषि आधारित उद्योग, फसल के संरक्षण व भंडारण की व्यवस्था और सस्ते दर पर लागत सामग्री मुहैया करानी चाहिए। उसे राजकोषीय घाटे पर रोक के एफबीआरएम कानून 2003 को रद्द कर कृषि, रोजगार, शिक्षा व स्वास्थ्य पर बजट बढाना चाहिए। यह मांग आज किसान विरोधी तीनों कानून की वापसी, एमएसपी पर कानून बनाने, विद्युत संशोधन विधेयक वापस लेने की मांग पर किसानों के अखिल भारतीय विरोध दिवस पर आयोजित प्रदर्शनों में आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट और मजदूर किसान मंच के कार्यकर्ताओं ने उठाई।
प्रदर्शनों में कहा गया कि किसानों के बढ़ रहे राष्ट्रव्यापी आक्रोश से संघ और भाजपा की सरकार डर गई है। यहीं कारण है कि उसके आला नेता और मंत्री अम्बानी-अडाणी की रक्षा के लिए आज से रैली कर रहे है। आरएसएस-भाजपा की सरकार ने बौखलाहट में एआईपीएफ प्रदेश उपाध्यक्ष योगीराज सिंह पटेल, चंदौली के नेता अजय राय, बुनकर वाहनी के अध्यक्ष इकबाल अंसारी व इलाहाबाद में युवा मंच अध्यक्ष अनिल सिंह समेत तमाम जनपदों में नेताओं व अन्नदाता किसानों को गिरफ्तार कर लिया गया। बावजूद इसके वकीलों, कर्मचारियों, मजदूरों व व्यापारियों का व्यापक समर्थन आंदोलन को मिला है।
आज हुए कार्यक्रमों का नेतृत्व एआईपीएफ के राष्ट्रीय प्रवक्ता एस. आर. दारापुरी, बिहार के सीवान में पूर्व विधायक व एआईपीएफ प्रवक्ता रमेश सिंह कुशवाहा, पटना में एडवोकेट अशोक कुमार, लखीमपुर खीरी में एआईपीएफ के प्रदेश अध्यक्ष डा. बी. आर. गौतम, सीतापुर में एआईपीएफ के महासचिव डा. बृज बिहारी, मजदूर किसान मंच नेता सुनीला रावत, युवा मंच के नागेश गौतम, अभिलाष गौतम, लखनऊ में लाल बहादुर सिंह, दिनकर कपूर, उपाध्यक्ष उमाकांत श्रीवास्तव, शगुफ्ता यासमीन, वर्कर्स फ्रंट नेता प्रीती श्रीवास्तव, हाईकोर्ट के एडवोकेट कमलेश सिंह, सोनभद्र में प्रदेश उपाध्यक्ष कांता कोल, प्रदेश सचिव जितेन्द्र धांगर, कृपाशंकर पनिका, राजेन्द्र प्रसाद गोंड़, सूरज कोल, श्रीकांत सिंह, रामदास गोंड़, शिव प्रसाद गोंड़, आगरा में वर्कर्स फ्रंट उपाध्यक्ष ई. दुर्गा प्रसाद, चंदौली में आलोक राजभर, डा. राम कुमार राजभर, गंगा चेरो, रामेश्वर प्रसाद, इलाहाबाद में युवा मंच संयोजक राजेश सचान, बलिया में मास्टर कन्हैया प्रसाद, बस्ती में एडवोकेट राजनारायण मिश्र,श्याम मनोहर जायसवाल ने किया।