विद्यार्थी अपने साथ ही परिवार, समाज और राष्ट्र की प्रगति में सकारात्मक योगदान दें: आनंदीबेन पटेल
लखनऊः उपाधि पाने वाले सभी विद्यार्थियों के लिए यह दिन अत्यंत अविस्मरणीय होता है, क्योंकि उनके कंधों पर अस्मिता को साबित करने, जीवन में एक मुकाम हासिल करने का दायित्व बोध आता है। ये उद्गार उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने आज ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के पंचम दीक्षान्त समारोह को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि संस्थान के विद्यार्थी अपने साथ ही परिवार, समाज और राष्ट्र की प्रगति में सकारात्मक योगदान प्रदान करेगें। इस अवसर पर राज्यपाल ने 75 विद्यार्थियों को 85 मेडल प्रदान किये, जिसमें 40 मेडल छात्रों को तथा 45 मेडल छात्राओं को प्रदान किये, जिसमें मरयम हफीज को सर्वाधिक 4 गोल्ड मेडल दिये गये।
राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा एवं समाज के बीच एक पारस्परिक संबंध है। शिक्षा से व्यक्ति में समाज बोध का विकास होता है एवं वह समाज के सभी अंगों के प्रति आदर, समन्वय एवं सहयोग की भावना को आत्मसात करता है। इस प्रकार व्यक्ति को पूर्णता प्रदान कर एक जागरूक नागरिक बनाने में शिक्षा का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि सही एवं सार्थक शिक्षा व्यक्ति के वैयक्तिक एवं सामाजिक उद्देश्यों में समन्वय स्थापित कर उसे अपने जीवन के लक्ष्यों का चयन करने एवं उस लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रेरणा प्रदान करती है।
श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि भाषा किसी भी व्यक्ति को अभिव्यक्ति प्रदान करती है। ज्ञान-विज्ञान का संचयन और विस्तार, भाषा के बिना सम्भव नहीं है। उन्होंने कहा कि विगत के कुछ दशकों में भाषा के क्षेत्र में स्थानीय स्तर पर शोध कार्यों की संख्या में भारी कमी आयी है। ऐसे में भाषा के क्षेत्र में, शोध कार्यों को बढ़ावा देने की जरूरत है। साथ ही विलुप्त हो रही भाषाओं के संरक्षण के लिए विशेष प्रयास किए जाने की आवश्यकता है।