उदयपुर में आज फिर उठेगी राहुल को अध्यक्ष बनाने की ज़ोरदार मांग
टीम इंस्टेंटखबर
राजस्थान के उदयपुर में कांग्रेस द्वारा आयोजित हो रहे चिंतन शिविर का आज तीसरा और आखिरी दिन है. कांग्रेस कार्य समिति 2024 के लोकसभा चुनावों को लेकर रोडमैप सहित अन्य घोषणाएं करने के लिए छह समितियों द्वारा की गई सिफारिशों पर विचार करेगी.
चिंतन शिविर के लिए बनाई गई सभी 6 समितियों ने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को रिपोर्ट सौंप दी है. कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक शुरू हो गई है, जिसमें इन समितियों के प्रस्तावों पर मुहर लगेगी और फिर पार्टी में होने वाले बदलावों की घोषणा की जाएगी.
सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि दोपहर 3 बजे के आसपास राहुल गांधी का भाषण होगा. राहुल गांधी के भाषण के दौरान उनको अध्यक्ष बनाने की मांग जोर शोर से उठेगी. ऐसा भी संभावना है कि नेता खुले तौर पर इस बात की वकालत कर सकते हैं कि राहुल गांधी को पार्टी के अध्यक्ष पद पर लौट आना चाहिए. साथ ही इस साल सितंबर महीने में पार्टी अध्यक्ष के लिए होने वाले चुनावों में शिरकत करनी चाहिए. उसके बाद सोनिया गांधी का भाषण और फिर धन्यवाद प्रस्ताव पारित होगा. जन गण के साथ आज शाम तीन दिवसीय उदयपुर चिंतन शिविर का समापन हो जाएगा.
लगातार चुनावी हार के चलते अपने सबसे मुश्किल दौर से गुजर रही कांग्रेस कमजोर वर्गों को एक बार फिर से अपने साथ जोड़ने के लिए सोशल इंजीनियरिंग की राह अपनाने की तैयारी में है. वह अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक समुदायों के लिए संगठन में हर स्तर पर 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व सुनिश्चित कर सकती है. पार्टी के चिंतन शिविर के दूसरे दिन इस विषय पर सहमति बनाने के साथ ही कांग्रेस ने महिला आरक्षण को लेकर कोटे के भीतर कोटा के प्रावधान पर अपने रुख में बदलाव की तरफ कदम बढ़ाया और उसने निजी क्षेत्र में भी आरक्षण की पैरवी का मन बनाया.
उसने अर्थव्यवस्था की स्थिति पर चिंता जताते हुए सरकार से यह आह्वान भी किया कि दुनिया और देश के हालात को देखते हुए उसे आर्थिक नीतियों को फिर से तय करने पर विचार करना चाहिए. चिंतन शिविर के दूसरे दिन कांग्रेस ने किसानों के लिए कर्जमाफी से कर्जमुक्ति का भी संकल्प लिया और कहा कि अब देश में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी अधिकार मिलना चाहिए तथा किसान कल्याण कोष की भी स्थापना होनी चाहिए. चिंतन शिविर के लिए गठित कांग्रेस की सामाजिक न्याय संबंधी समन्वय समिति की बैठक में हुए मंथन का ब्योरा देते हुए इसके सदस्य के राजू ने कहा, ‘इसको लेकर चर्चा की गई कि क्या संगठनात्मक सुधार करने चाहिए जिससे पार्टी कमजोर तबकों को संदेश दे सके.’