यूपी के कलाकारों, टेक्नीशियनों के साथ बड़े प्रोडक्शन हॉउसों का सौतेला व्यवहार
क्या उत्तर प्रदेश के कलाकार और टेक्नीशियन अपने मेहनताना को पाने का हक भी नहीं रखते? क्यों मुंबई से आ रहे बड़े बड़े प्रोडक्शन हाउस इन कलाकारों और टेक्नीशियनों के साथ दोगला और अमानवीय व्यवहार करते हैं?
इन्हीं बड़े सवालों का जवाब आज थिएटर एंड फ़िल्म वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा आयोजित प्रेस वार्ता में निकल कर सामने आया। थियेटर एंड फिल्म वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष विपिन अग्निहोत्री तथा एसोसिएशन के सचिव दबीर सिद्दीकी ने इस बात का खुलासा किया कि पिछले 5 वर्षों से एसोसिएशन एक वॉच डॉग के रूप में इन बड़े-बड़े प्रोडक्शन हाउसेस की कार्यप्रणाली को बहुत बारीकी से देख रही है और हाल ही में जो कुछ भी गदर 2 की शूटिंग के दौरान हुआ वह सिर्फ ट्रेलर है क्योंकि स्थिति और भी भयावह है।
विपिन अग्निहोत्री के मुताबिक इन बड़े-बड़े प्रोडक्शन हाउसेस का सिर्फ एक ही उद्देश्य होता है किसी भी तरह सब्सिडी की गाइडलाइंस को पूरा करना और इसी कारण वह उत्तर प्रदेश के कलाकारों और टेक्नीशियनों के साथ इस तरह का व्यवहार करते हैं।
दबीर सिद्दीकी ने बताया की थिएटर एंड फ़िल्म वेलफेयर एसोसिएशन एकमात्र एसोसिएशन है उत्तर प्रदेश में जिसने कलाकारों के हक की हमेशा लड़ाई लड़ी है और आगे भी लड़ती रहेगी। एसोसिएशन ने न केवल संगीत नाटक एकेडमी द्वारा आयोजित अवॉर्ड को रेगुलर कराया, साथ ही साथ राय उमानाथ बली प्रेक्षा ग्रह का बजट भी पास कराया। इसके अलावा एसोसिएशन हर जरूरतमंद कलाकार की मदद को हमेशा आगे रहती है। माह में एक बार एसोसिएशन शिविर आयोजित कर कलाकारों की समस्याओं को सुनती है।
प्रेस वार्ता में जूनियर आर्टिस्ट एसोसिएशन की अध्यक्ष उमा देवी तथा कलाकार वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष एल न गौतम ने भी अपने विचार व्यक्त किए।