श्रीनगर में पहली बार बहुत बड़े स्तर पर आयोजित पुस्तक मेले ‘चिनार पुस्तक महोत्सव’ का शुभारंभ 17 अगस्त से होने जा रहा है। इसकी जानकारी मंगलवार को एसकेआईसीसी के विंटर हॉल में आयोजित प्रेस वार्ता में श्रीनगर के उपायुक्त डॉ. बिलाल मोहिउद्दीन भट, आईएएस ने दी। उन्होंने कहा, ”17 से 25 अगस्त तक आयोजित चिनार पुस्तक महोत्सव कश्मीर घाटी का पहला सबसे बड़ा पुस्तक मेला होगा, जिसे नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया, राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद (एनसीपीयूएल) और डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्टेशन श्रीनगर के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। श्रीनगर में काफी लंबे समय से इतने बड़े स्तर का कोई महोत्सव नहीं हुआ है, ऐसे में श्रीनगर की आवाम के लिए यह बेहतरीन अवसर है, जहां किताबों के बीच पाठक साहित्य, कला और संस्कृति से जुड़े तरह—तरह कार्यक्रमों में भाग ले पाएंगे। ये कार्यक्रम तीन भाग में आयोजित होंगे। 10 बजे से 1 बजे तक बच्चों के लिए कैलिग्राफी, स्टोरी टेलिंग, कैरीकेचर, डाइंग कॉम्पटीशन, आर्ट वर्कशॉप, स्लोगन राइटिंग कॉम्पटीशन, कठपुथली क्राफ्ट, खेल—खेल में वैदिक गणित और भी कई तरह की रचनात्मक लेखन की कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। 2 बजे से 4 बजे तक युवाओं के लिए करियर ओरिएंटेड वर्कशॉप होंगी। उन्हें कला, साहित्य और संस्कृति पर बड़े—बड़े साहित्यकारों से बात करने का अवसर मिलेगा। इस मेगा इवेंट के लिए अब तक 50 हजार से अधिक बच्चे पंजीकरण कर चुके हैं।” डॉ. बिलाल ने श्रीनगर की आवाम को चिनार पुस्तक महोत्सव में आकर घाटी के सबसे बड़े महोत्सव को कामयाब बनाने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी बताया कि पुस्तक महोत्सव में पहुंचने के लिए घंटाघर से एसकेआईसीसी तक पांच नि:शुल्क बसें चलाई जाएंगी।
चिनार पुस्तक महोत्सव पर बात करते हुए नेशनल बुक टस्ट, इंडिया के निदेशक युवराज मलिक ने कहा, ”यह पुस्तक महोत्सव घाटी के लोगों से है और घाटी के लोगों के लिए है, जिसमें पाठकों को 200 से अधिक बुक स्टॉल मिलेंगे। पहले चिनार पुस्तक महोत्सव में लगभग 125 प्रकाशक भाग ले रहे हैं। यहां युवाओं को मशहूर कलाकारों से मिलने का मौका मिलेगा। कश्मीर स्कॉलर्स और कवियों की धरती है। कश्मीर जन्नत है और किताबों को भी जन्नत से जोड़ा जाता है। यह उर्दू साहित्य का भी अब तक का सबसे बड़ा पुस्तक महोत्सव होगा, जहां पाठकों को 50 हजार से अधिक उर्दू की किताबें मिलेंगी। साथ ही पाठक आईसीएचआर की जम्मू, कश्मीर और लद्दाख की फोटो प्रदर्शनी से यहां संस्कृति को समझेंगे और इसरो की रष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस को ध्यान में रखते हुए लगाई गई फोटो प्रदर्शनी के जरिये अंतरिक्ष में भारत की विकास—यात्रा के बारे में भी जान पाएंगे।” एनबीटी, इंडिया के निदेशक ने यह भी कहा कि देश के सभी स्कूलों में एक दिन बैगलेस डे बनाया जा रहा है। इस दिन यदि अभिभावक अपने बच्चों को किताब मेले में लाएं, तो यह उनके लिए एक अलग तरह अनुभव होगा।
चिनार पुस्तक महोत्सव में लेखकों को अपनी किताबें विमोचित करने का अवसर भी मिलेगा। यहां एक काउंटर होगा, जहां पुस्तकों को प्रकाशित कैसे करवाया जाए, इस पर बात होगी। यहां राष्ट्रीय ई—पुस्तकालय का भी कैंप लगेगा, जहां पाठक 22 भाषाओं में एक हजार से अधिक किताबें नि:शुल्क पढ़ने का आनंद ले पाएंगे। डल झील के किनारे एसकेआईसीसी के पांच हजार वर्ग मीटर में आयोजित यह पुस्तक महोत्सव 17 से 25 अगस्त तक सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक लगेगा, जिसमें प्रवेश नि:शुल्क रहेगा।