…तो इसलिए सुपर ओवर के लिए कोहली ने खुद को चुना
नई दिल्लीः रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के लिए आईपीएल का 10वां मुकाबला युवा शक्ति दिखाने के नाम रहा जिसमें विराट कोहली एक बार फिर से फेल हुए लेकिन टीम के अगली पीढ़ी के युवा खिलाड़ियों के एकजुट प्रदर्शन और जीनियस बल्लेबाज एबी डिविलियर्स की सदाबहार उपस्थिति ने जीत का रास्ता तैयार करके दिखा दिया।
यादगार मैच
सुपर ओवर में गया ये मुकाबला आरसीबी ने आखिर गेंद पर जीता। ये बेहतरीन मुकाबला मुंबई इंडियंस के कीरोन पोलार्ड व ईशान किशन की आखिर तक हार ना मानने की जिद के चलते यादगार मैचों की किताबों में दर्ज हो चुका है।
रोलर-कोस्टर गेम
जीत के बाद कप्तान विराट कोहली को अविश्वसनीय मैच पर यकीन नहीं था, उनके पहले शब्द थे- “अभी मेरे पास कहने के लिए शब्द नहीं है। यह एक रोलर-कोस्टर गेम था।”
पोलार्ड और किशन ने की धुनाई
पोलार्ड और किशन ने आखिरी चार ओवरों में 79 रन मिलकर कूट दिए थे लेकिन आरसीबी किसी तरह मैच को टाई करने में सफल रही। इस पर बात करते हुए कोहली ने कहा-
कड़ा मुकाबला
“मुझे लगता है कि उन्होंने बीच में वास्तव में अच्छा और धैर्यपूर्वक खेला। यह कड़ा मुकाबला बन गया, हमने उन चीजों को निष्पादित करने का प्रयास किया जो हम चाहते थे। हमें एक करीबी जीत मिली है और मैदान पर ये छोटी-छोटी चीजें हैं, हम वास्तव में इस पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं।”
सुपर ओवर के लिए इसलिए खुद को चुना
कोहली इस मुकाबले में सफल नहीं रहे और आरसीबी के एकमात्र फ्लॉप बल्लेबाज के तौर पर उन्होंने 3 ही रन बनाए लेकिन फिर भी सुपर ओवर में उन्होंने खुद को एबी डिविलियर्स के साथ चुना- “मैंने इस बारे में सोचा कि दो लोग (सुपर ओवर में) कौन से हो सकते हैं और यह मैं और एबी थे। यह सब मैदान पर कदम रखने और जिम्मेदारी लेने के बारे में था।”
फील्डिंग में सुधार की ज़रुरत
कोहली ने आगे कहा, “फील्डिंग एक ऐसी चीज है जिस पर हमें काम करने की जरूरत है। अगर हम अपने मौके ले लेते, तो यह इतना करीब नहीं होता। यह जसप्रीत के खिलाफ एक अच्छा मैच था। शीर्ष गुणवत्ता वाले क्रिकेट और इन जैसे खेल को लोग देखना पसंद करते हैं।
वाशिंगटन का कमाल
हमने जो परिवर्तन किए, पावर प्ले में वाशी (वाशिंगटरन सुंदर) को लगाया जिसका नतीजा मिला। गुरकीरत को बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला। लोगों ने अच्छा चरित्र दिखाया। सुपर ओवर में सैनी ने अच्छे प्रभाव के लिए यॉर्कर्स और वाइड गेंदों का इस्तेमाल किया। इससे हमें आगे बढ़ने को बढ़ावा देना चाहिए।” वाशिंटगन सुंदर ने एक ऐसे मैच में 4 ओवर में 12 रन दिए जहां 400 से ऊपर रन बने। इसके अलावा नवदीप सैनी ने सुपर ओवर में कमाल की गेंदबाजी करते हुए मुंबई की टीम को 7 रनों तक ही सीमित रखा।