लखनऊ:
शिया कालेज टीचर्स एसोसिएशन (शियाक्टा) की आम सभा की बैठक शिया महाविद्यालय के ‘के-हाॅल’ में शियाक्टा अध्यक्ष प्रो0 सरताज़ शब्बर रिज़वी की अध्यक्षता में हुई। बैठक में मौलाना कल्बे जव्वाद के शिया महाविद्यालय विरोधी कृत्य की भत्र्सना की गई तथा महाविद्यालय में 06 फरवरी को शिक्षण व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का संयुक्त धरना होगा।

इस सम्बंध में जानकारी देते हुए शियाक्टा के सचिव, डाॅ0 आग़ा परवेज़ मसीह ने बताया कि मौलाना कल्बे जव्वाद नक़वी द्वारा 26 अक्टूबर, 2022 को निदेशक, राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद् (नैक) को पत्र लिखकर यह अनुरोध किया गया था कि शिया काॅलेज की प्रत्यायन प्रक्रिया रोक दी जाये और प्रमाण-पत्र प्रदान न किया जाये। इतना ही नही उन्होंने यह भी अनुरोध किया था कि शिया महाविद्यालय को ब्लैक-लिस्ट किया जाये।

राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद् (नैक), जो कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का स्वायत्त संस्थान है, उसके यूजर मैनुअल के आधार पर अगर यह कार्यवाही हो जाती, तो क्योंकि हम विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की धारा 2(F) & 12(b) के अन्तर्गत आते हैं और राज्य सरकार द्वारा अनुदानित है, इसलिए महाविद्यालय की ग्रान्ट रूक जाती, जिसका सबसे बुरा प्रभाव महाविद्यालय में कार्यरत 114 शिक्षक एवं 116 शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के वेतन पर पड़ता। उनका वेतन रूक जाता जिससे सैकड़ों परिवारों के ऊपर गम्भीर संकट आ जाता।

बैठक को प्रो0 अंजुम अबरार, प्रो0 एस0एम0 हसनैन, प्रो0 सै0 अली मंज़र रिज़वी, डाॅ0 एम0एम0 एज़ाज़ अब्बास, प्रो0 बी0बी0 श्रीवास्तव, डाॅ0 एम0एम0 अबु तैय्यब, प्रो0 एस0 सादिक हुसैन आब्दी, डाॅ0 मज़ाहिर अली रिज़वी, डाॅ0 एम0एम0 आबि़द अली खां, प्रो0 समीना शफीक, डाॅ0 अरशद हसन रिज़वी आदि ने सम्बोधित किया। बैठक में यह तय किया गया कि मौलाना का यह कृत्य अक्षम्य है और कानूनी कार्यवाही किए जाने योग्य है।

शियाक्टा अध्यक्ष ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि यह धरने का प्रथम चरण है। अगर मौलाना कल्बे जव्वाद अपने किए इस कृत्य की माफी नही मांगेगे, तो हम चुप नही बैठेंगे और इस धरने को देश व प्रदेश स्तर तक ले जायेंगे।