पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ शिया समुदाय ने असिफी मस्जिद में किया विरोध प्रदर्शन
लखनऊ
कश्मीर के पहलगाम में बेगुनाह पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले के खिलाफ और शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए आज मजलिस-ए-उलमा-ए-हिंद की ओर से मौलाना कल्बे जवाद नक़वी के नेतृत्व में जुमे की नमाज़ के बाद आसिफी मस्जिद में विरोध प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन में प्रदर्शनकारियों ने ‘आतंकवाद मुर्दाबाद’, ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ और ‘हिंदू-मुस्लिम एकता’ के नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों के हाथों में ऐसी तख्तियां थीं, जिनमें शहीदों के परिवारों के साथ संवेदना का इज़हार किया गया था और आतंकवाद और पाकिस्तान के खिलाफ नारे लिखे गए थे। प्रदर्शन के अंत में प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान के प्रतीकात्मक राष्ट्रीय ध्वज को जलाकर अपने ग़ुस्से और दुःख का इज़हार किया। मौलाना कल्बे जवाद नक़वी के ऐलान पर सभी शहीदों के लिए दो मिनट मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। साथ ही शहीद सैय्यद आदिल हुसैन शाह की के लिए फातिहा ख़्वानी भी की गई। प्रदर्शनकारियों ने सभी शहीदों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की और कहा कि हम सभी मारे गए लोगों के परिवारों के साथ खड़े हैं। जुमे की नमाज़ में मौलाना रज़ा हैदर ज़ैदी ने घायल लोगों की जल्द ठीक होने की दुआ भी कराई।
प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए मजलिस-ए-उलमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना सैय्यद कल्बे जवाद नक़वी ने कहा कि जिन्होंने निहत्थे बेगुनाह पर्यटकों का कत्लेआम किया है वो लोग मानवता के दुश्मन और दरिंदे हैं, जिन्हें कभी माफ नहीं किया जा सकता। मौलाना ने कहा कि हम इस आतंकवादी घटना की कड़ी शब्दों में निंदा करते हैं और सरकार से मांग करते हैं कि इस घटना के अपराधियों को कड़ी सज़ा दी जाए। उन्होंने कहा कि इस घटना की जांच होनी चाहिए कि आखिर पहलगाम तक आतंकवादी कैसे पहुंचे और जब वो बेगुनाहों को मार रहे थे, तब सेना और पुलिस कहां थी? आखिर जहां इतने पर्यटक मौजूद थे, वहां सुरक्षा व्यवस्था क्यों नहीं की गई? इसलिए सरकार की जवाबदेही भी तय होनी चाहिए।
मौलाना ने आगे कहा कि हम पाकिस्तान की सेना और सरकार के उस बयान को सख्ती से खारिज करते हैं, जिसमें उन्होंने कहा है कि भारत में हिंदू और मुसलमान साथ नहीं रह सकते, इसलिए अब उन्हें अलग हो जाना चाहिए। मौलाना ने कहा कि पाकिस्तान हमारे आंतरिक मामलों में दखल न दे। हिंदू और मुसलमान सदियों से साथ रहते आए हैं और आगे भी साथ रहेंगे। हम अपनी समस्याओं को स्वयं सुलझाना जानते हैं और किसी भी बाहरी हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं करेंगे। मौलाना ने कहा कि पाकिस्तान ने ‘टूनेशन थ्योरी’ दे कर यह साबित कर दिया है कि पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में उसका ही हाथ है। पाकिस्तान का मकसद हिंदू-मुसलमान के बीच नफरत फैलाकर भारत में गृह युद्ध शुरू करना है, लेकिन हम उसे कभी सफल नहीं होने देंगे। हमने कल भी मुहम्मद अली जिन्नाह के ‘टूनेशन’ के नज़रिये को नकारा था और आज भी पाकिस्तान के इस नज़रिये को नकारते हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग हिंदू और मुसलमानों को लड़वाने की बात करते हैं, वे पाकिस्तान के एजेंट हैं, चाहे वे लड़वाने वाले मुसलमान हों या हिंदू। उन्होंने कहा कि कश्मीरी जवानों ने हिंदू भाइयों की जान बचाकर पाकिस्तान की साजिश को नाकाम कर दिया है। हकीकत यह है कि बेगुनाहों को मारने वाले मुसलमान नहीं थे, बल्कि उन्हें बचाने वाले मुसलमान थे। मौलाना ने कहा कि यदि कोई पहलगाम में शहीद हुए लोगों का बदला लेने के लिए कहीं पर कोई आपराधिक कार्यवाही करता है तो समझ लेना चाहिए कि वह पाकिस्तान का एजेंट है, जिस पर सरकार को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए, जैसा कि आगरा और अन्य क्षेत्रों में देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि कश्मीर हमारे दिल का टुकड़ा है, हम इसे कभी खुद से अलग नहीं होने देंगे, यही कश्मीरियों के भी दिल की आवाज़ है। मौलाना ने आगे कहा कि हम अपनी सरकार से मांग करते हैं कि इस घटना की जांच करवा कर अपराधियों को क़ानूनी सज़ा दिलवाए। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार संयुक्त राष्ट्र से यह मांग करे कि पाकिस्तान को आतंकवादी देश घोषित किया जाए, इसी तरह इज़रायल को भी आतंकवादी देश घोषित करने की मांग होनी चाहिए, क्योंकि दुनिया में सभी आतंकवादी गतिविधियों के पीछे इज़रायली एजेंसियां ही हैं। मौलाना ने कहा कि भारत को पाकिस्तान से अपने सभी रिश्ते समाप्त कर देने चाहिए, क्योंकि आतंकवादियों से दोस्ती नहीं हो सकती।
मौलाना ने अपने बयान में कहा कि अफसोस की बात यह है कि दुनिया ने गाज़ा में हो रहे अत्याचार और आतंकवाद की निंदा नहीं की। गाज़ा में लगातार बेगुनाह महिलाओं और बच्चों का क़त्ल हो रहा है। दुनिया का सबसे बड़ा आतंकवादी नितन्याहू और वैश्विक आतंकवाद का संस्थापक अमेरिका है। मौलाना ने कहा कि कुछ कट्टरपंथियों ने गाज़ा में बेगुनाहों के क़त्ल पर खुशियाँ मनाई थीं, अब उन्हें यह अहसास हो गया होगा कि जब कोई अपना मरता है, तो कितना दुख होता है, इसलिए किसी भी आतंकवादी घटना पर खुशी नहीं मनानी चाहिए। जितना अत्याचार गाज़ा में हुआ है, उसकी कोई मिसाल नहीं मिलेगी, इसलिए इंसाफ़ का तक़ाज़ा यह है कि गाज़ा में हो रहे आतंकवाद की भी निंदा की जाए। पहलगाम में बहुत अत्याचार हुआ है, लेकिन गाज़ा में तो दूध पीते बच्चे मारे गए हैं। इसलिए हम पाकिस्तान को भी आतंकवादी देश मानते हैं और इज़राइल को भी।
शिया वक़्फ़ बोर्ड के सदस्य मौलाना रज़ा हुसैन रिज़वी ने अपने बयान में कहा कि इस्लाम ने हमेशा मज़लूमों का समर्थन और ज़ालिम के खिलाफ खड़े होने का आदेश दिया है। पहलगाम में हुई आतंकवादी घटना खुला आतंकवाद है जिसकी हम कड़ी निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि इस दुखद अवसर पर हम पहलगाम में शहीद होने वाले सभी लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और उनके परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं। निश्चित रूप से यह हमला भारत में हिंदू और मुसलमानों के बीच नफरत फैलाने के लिए किया गया था, जिसे कश्मीरी जवानों ने नाकाम कर दिया।
नायब इमाम-ए-जुमा मौलाना सैय्यद रज़ा हैदर ज़ैदी ने अपने तक़रीर में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए कहा कि इस घटना की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और जो लोग इसमें शामिल हैं, उन्हें कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंदू और मुसलमानों को लड़वाने की साजिश कभी सफल नहीं होगी, हम कल भी एक साथ थे और आगे भी एक साथ रहेंगे। पाकिस्तान जो वक़्फ़ कानून और हमारे अन्य आंतरिक मुद्दों की वजह से ‘टूनेशन’ थ्योरी दे रहा है, हम पूरी ताकत से उसे नकारते हैं। पाकिस्तान हमारे आंतरिक मामलों में दखल न दे। हम अपनी सरकार और अपने हिंदू भाइयों के साथ मिलकर अपने मुद्दे हल करना जानते हैं। कल भी हमें किसी बाहरी दखलअंदाज़ी की जरूरत नहीं थी, न आज है और न ही भविष्य में होगी।
प्रदर्शन में मौलाना सैय्यद कल्बे जवाद नक़वी, मौलाना सैय्यद रज़ा हैदर ज़ैदी, मौलाना हसन जाफर, मौलाना रज़ा हुसैन रिज़वी, मौलाना नज़र अब्बास और मौलाना फीरोज़ हुसैन ज़ैदी शामिल थे। कार्यक्रम का संचालन मौलाना आदिल फ़राज़ ने किया।