लखनऊ
अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने अयोध्या लोकसभा सीट हारने के बाद हुई भाजपा की समीक्षा बैठक में डीएम की मौजूदगी को सिविल सेवा शर्तों का उल्लंघन बताते हुए उन्हें बर्खास्त करने की मांग की है.

शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि अयोध्या के डीएम नीतीश कुमार और भाजपा नेता महंत राजू दास के बीच भाजपा की हार पर हुई समीक्षा बैठक में आरोप-प्रत्यारोप और झड़प की खबरें सामने आई हैं. ऐसा बताया जा रहा है कि बैठक में डीएम ने भाजपा नेता पर आरोप लगाया कि चुनाव पूर्व राजू दास के बयानों से पार्टी का नुकसान हुआ। जिसके बाद राजू दास और डीएम में झड़प हुई. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि अगर डीएम को लगा कि भाजपा नेता का बयान नफ़रती था तो उन्होंने उनके खिलाफ़ कार्यवाई क्यों नहीं की? उन्होंने राजू दास के खिलाफ़ एफआईआर दर्ज कराने के बजाए भाजपा की समीक्षा बैठक में शिकायत दर्ज कर क्या अपने को भाजपा का कार्यकर्ता नहीं साबित कर दिया है?

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि जिला अधिकारी चुनाव में रिटर्निंग ऑफिसर होता है वो किसी पार्टी की समीक्षा बैठक में जा ही नहीं सकता. अगर अयोध्या डीएम को राजनीति ही करनी है तो उन्हें नौकरी से इस्तीफ़ा दे कर कोई पार्टी जोइन कर लेनी चाहिए लेकिन पद पर रहते हुए वो ऐसा नहीं कर सकते. उनकी सेवा शर्तें इसकी इजाज़त नहीं देतीं. इसलिए उन्हें तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए और उनसे पूछा जाना चाहिए कि किसके दबाव में अपने पद की मर्यादा और संविधान की रक्षा के वचन को दरकिनार कर वो वहाँ गए थे?

कांग्रेस नेता ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि भाजपा शासित राज्यों में जिला अधिकारीयों को भाजपा ने अपने समीक्षा बैठकों में बुलाया होगा. इसलिए चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट को इसका संज्ञान लेकर इसकी जाँच करानी चाहिए.