दिल्ली:
MP-MLA कोर्ट से सपा नेता आज़म खान को दोषी करार देने और तीन साल की सजा सुनाये जाने के बाद उनकी विधायकी भी चली गयी. इस मामले में विधानसभा स्पीकर ने बड़ी तेज़ी दिखते हुए उनकी सदस्यता को समाप्त कर दिया, हालाँकि ऐसा ही एक मामला और हुआ है जिसमें मुज़फ्फरनगर की खतौली विधानसभा सीट से भाजपा विधायक को भी MP-MLA कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई है मगर उसपर न तो विधानसभा स्पीकर ने अभी तक कार्रवाई की है और चुनाव आयोग ने भी उप चुनाव की घोषणा में खतौली सीट को शामिल नहीं किया है.

बहरहाल अब विधायकी जाने के मामले को लेकर आजम ने शीर्ष न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है. सुप्रीम कोर्ट में आज इस मामले की सुनवाई करते हुए यूपी सरकार, EC को नोटिस भेजकर जवाबतलब किया है. अब इस मामले में आगामी 9 नवंबर को सुनवाई होगी. आजम खान का मामला पी चिदंबरम रख रहें है. उन्होंने कोर्ट में दलील दी कि निचली अदालत के फैसले के बाद अगले ही दिन सीट खाली घोषित कर दी गई और 10 नवंबर को उप चुनाव की तारीख तय कर दी गई.

आपको बता दें कि रामपुर की सीट से विधायकी जाने के बाद इस सीट पर उपचुनाव के लिए तारीखों का भी ऐलान कर दिया है. इसी के साथ नामांकन से लेकर परिणाम घोषित करने की तिथि तक का ऐलान किया जा चुका है. वहीँ समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरुल हसन चाँद ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाया है.