क्या दबाव में हैं विराट
तौक़ीर सिद्दीकी
अफवाहें हमेशा झूठी नहीं होतीं, विराट के अचानक कप्तानी छोड़ने के एलान ने इस बात को सच साबित कर दिया। अभी कुछ दिन पहले ही जब मेनचेस्टर टेस्ट रद्द हुआ था तो एक विवाद खड़ा हुआ था कि आईपीएल की वजह से ऐसा फैसला किया गया और विराट कोहली को इसका ज़िम्मेदार ठहराया जा रहा था, इस बारे में इंग्लैंड के एक पूर्व खिलाड़ी ने एक ई मेल का भी ज़िक्र किया था जो टेस्ट मैच रद्द होने से एक दिन पहले विराट ने BCCI को लिखा था. इसी विवाद के बीच एक अंग्रेजी अखबार ने एक सनसनीख़ेज़ खबर छापी थी कि विराट कोहली जिनका बल्ला पिछले काफी दिनों से खामोश चल रहा है, काफी दबाव में हैं और विश्व कप के बाद सफ़ेद गेंद की कप्तानी छोड़ना चाह रहे हैं यानी टी-20 और वन डे क्रिकेट की कप्तानी छोड़कर सिर्फ टेस्ट मैचों की कप्तानी करेंगे।
इस खबर के आने के बाद BCCI के ट्रेजरर को सफाई देनी पड़ी थी. बोर्ड के मुताबिक इस तरह की कोई बात नहीं है, विराट तीनों फॉर्मेट में कप्तानी करते रहेंगे। बोर्ड ने सख्ती के साथ इस खबर का खंडन किया था. क्रिकेट के पंडितों को भी इस खबर पर यकीन नहीं था, सभी एक सुर में यह कह रहे थे कि विश्व कप से ठीक पहले इस तरह की खबर पाठक संख्या बढ़ाने की कोशिश है. विराट कोहली हरगिज़ बेमौसम इस तरह का निर्णय नहीं ले सकते।
पर जान लेना चाहिए कि धुंआं वहीँ से उठता है जहां चिंगारी होती है और चिंगारी कब ज्वाला का रूप ले ले कुछ कहा नहीं जा सकता। और वैसा ही हुआ! एक हफ्ते बाद ही विराट कोहली ने खुद सामने आकर इस बात का खुलासा कर दिया कि मीडिया में चल रही बातें बेबुनियाद नहीं थीं ।
खैर बात अब विराट के इस्तीफे की करें तो उनके ट्वीट से यह साफ़ हो चूका है कि वह सिर्फ टी 20 की कप्तानी छोड़ेंगे, वन डे और टेस्ट मैचों में कप्तानी करते रहेंगे, साथ ही एक खिलाडी की हैसियत से वह टी 20 में भी देश के लिए अपनी सेवाएं देते रहेंगे। विराट का किसी एक फॉर्मेट की कप्तानी को त्यागना कोई हैरानी वाली खबर नहीं, दुनिया के कई देशों में सफ़ेद और लाल गेंद की क्रिकेट के अलग अलग कप्तान हैं. कई देश ऐसे भी हैं जहां सिर्फ टी 20 के कप्तान अलग हैं. इस तरह का फॉर्मेट अब चलन बनता जा रहा है. टी 20 क्रिकेट अब हकीकत बन गयी है, लोग इसे पसंद करते हैं, सारे क्रिकेटिंग नेशंस में यह पैसे कमाने का एक बहुत बड़ा साधन बनती जा रही है. यही वजह कि आईपीएल की तर्ज़ पर धीरे धीरे क्रिकेट खेलने वाले हर देश में लीग क्रिकेट शुरू हो चुकी है.दो देशों के बीच आयोजित होने वाली श्रंखला में टी 20 मैचों की संख्या लगातार बढ़ रही है बल्कि अब तो सिर्फ टी 20 मैचों की विशुद्ध श्रंखला भी आयोजित होने लगी है.
विराट के इस फैसले पर अगर कोई सवाल उठता है तो वह टाइमिंग का उठता है. जब सामने विश्व कप जैसा ICC का कोई बड़ा आयोजन होने वाला हो ऐसे में इस तरह की खबर आना, फिर उसका खंडन और फिर विराट का सामने आकर उस खबर को सच साबित करना, सवाल तो खड़ा ही करता है. विराट के आज के एलान के बाद यह कहना गलत न होगा कि वह दबाव में हैं. क्या यह दबाव पिछले दो सालों से उनकी नाकाम बल्लेबाज़ी का है, क्या यह दबाव रोहित शर्मा के लगातार अच्छा प्रदर्शन का है और सबसे बढ़कर क्या यह दबाव उनका ICC के किसी भी टूर्नामेंट का न जीत पाना है, क्या वह विश्व कप के बाद कप्तानी छोड़ने का एलान कर इस वर्ल्ड कप में दबावमुक्त होकर जाना चाहते हैं?
विराट के यह फैसला अगले महीने होने वाले विश्वकप में उनके प्रदर्शन को कितना सुधारता है इसकी झलक तो आईपीएल के मैचों में ही मिल जाएगी। देखना होगा कि आईपीएल में विराट क्या बंगलुरु की टीम के लिए पहली बार विनिंग ट्रॉफी उठाएंगे। अगर ऐसा हो गया तो समझ लीजिये कि विश्व कप में भी कोहली का विराट रूप देखने को मिलेगा?