राज्य सूचना आयोग के सामने आरटीआई एक्टिविस्टों ने दिया धरना
एसीपी विभूति खण्ड गोमती नगर को सौपा गया ज्ञापन
फहीम सिद्दीकी
लखनऊ।उत्तर प्रदेश के आरटीआई प्रयोगकर्ताओं की समस्याओं को ले कर 18 सूत्रीय माँगो को ले कर राज्य सूचना आयोग के सामने किया गया धरना प्रदर्शन ,जिसमे महत्वपूर्ण होने वाली असुविधा को बताया गया जैसे आरटीआई आवेदन सीधे व खुले स्वीकार नही किये जाते है,आरटीआई में जमा किये जाने वाले शुल्क 10 रू है को अधिनियम नगद प्राप्त करने व उसकी प्राप्ति ,रसीद प्राप्त किये जाने ,विशाखा समिति से सम्बंधित सूचना पट आयोग में मुख्य मुख्य स्थानों पर लगवाये जाने,आयोग के रुल्स आफ बिजनेस बनाकर लागू करने के साथ साथ आयोग में दाखिल होने वाली अपीलों और शिकायतों का निपटारा 45 दिनों में किये जाने,आयोग के समस्त आयुक्तों को 10:00 बजे से 5:00 बजे तक सुनवाई सुनिश्चित के लिये आदेश पारित करने के निर्देश हेतु ,जैसी तमाम महत्वपूर्ण बिंदुओं पर एसीपी विभूति खण्ड ज्ञापन दे कर माँगे पूरी करने की बात कही गयी जिसपर एसीपी द्वारा आश्वासन दिया गया कि ज्ञापन सही समय पर सम्बन्धित को भेज दिया जाएगा ,उ,प्र, राज्य सूचना आयुक्तों की मन- मानी समय से सूचना प्राप्त न कराना, सूचना दिलाने में हिला हवाली सूचना आवेदको को आये दी प्रताड़ित करने नियमो का सही से पालन न करने से आहत हो कर यह धरना दिया गया जिसमें पत्रकारों, अधिवक्ताओं, समाजसेवियों, आरटीआई एक्टिविष्टो, ने भारी संख्या में धरने में शामिल होकर सूचना आयुक्तों द्वारा किये जा रहे भर्ष्टाचार के खिलाफ अपनी आवाज बुलन्द की जिसमे भारतीय पत्रकार एवं मानवाधिकार परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जितेन्द्र बहादुर सिंह ने अपने सदस्यों पदाधिकारियों के साथ धरने पर पहुँच कर आयोग में हो रहे भर्ष्टाचार के खिलाफ हल्ला बोला ,इसी क्रम में पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने भी धरने में शामिल हो कर आयोग के आयुक्तों द्वारा गलत तरीके से किये जा रहे कार्यों को विस्तार से बताया ,धरने के आयोजन इलाहाबाद उच्च न्यायालय अधिवक्ता दीपक शुक्ला द्वारा किया गया ,राज्य सूचना आयोग में व्याप्त समस्याओं का तत्काल निराकरण करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार की भर्ष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस और पारदर्शिता -उन्मुख मंशा के अनुसार सूचना आयोग की कार्यप्रणाली को और अधिक पारदर्शी और जवाबदेही बनाने की भी माँग रखी गयी और इस आशय के साथ सम्बन्धित को ज्ञापन सौपा गया की आरटीआई प्रयोगकर्ताओं को समस्याओं का निराकरण भारतीय संविधान 19(1) (ख)की व्यवस्था के अनुसार अपनी माँगो को प्रस्तुत किया गया जिससे कि संवैधानिक अधिकारों का प्रयोग करते हुए शीघ्र अति शीघ्र समाधान कराने हेतु माँग पत्र देते हुए धरना पूर्ण किया गया ,धरने में डॉ सम्पूर्णा नन्द मल्ल पूर्वांचल के गाँधी ,शान्तनु शुक्ल अधिवक्ता उच्च न्यायालय अधिवक्ता लखनऊ, ने भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका देते हुए आयोग में हो रहे भर्ष्टाचार के खिलाफ हल्ला बोला ,धरने को सफल बनाने में तनवीर अहमद सिद्दीकी जाने माने प्रसिद्ध आरटीआई एक्टिविस्ट, अशोक कुमार शुक्ला अधिवक्ता,राजेश चतुर्वेदी, अवधेश कुमार चतुर्वेदी अधिवक्ता,संजय आज़ाद पत्रकार, संजय मिश्रा समाजसेवी ,इंजीनियर उबेल उल्ला,दीपक शुक्ला अधिवक्ता, मुन्नू लाल त्रिपाठी, सहित तमाम प्रतिष्ठित जानी मानी हस्तियों ने धरने में शामिल हो कर अपनी अहम भूमिका निभाते हुए एकजुटता की भी मिशाल पेश की और धरने को सफल बनाया ।