जयपुर:
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को आरोप लगाया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ी एक “लॉबी” राज्य में स्वास्थ्य के अधिकार विधेयक का विरोध कर रहे निजी डॉक्टरों को भड़काकर गुमराह कर रही है. उन्होंने कहा कि इससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने दावा किया है कि कानून लागू होने से उनके सुचारू कामकाज में बाधा आएगी और स्थानीय अधिकारियों का हस्तक्षेप बढ़ेगा।

डॉक्टरों की हड़ताल के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री गहलोत ने यहां संवाददाताओं से कहा कि स्वास्थ्य के अधिकार विधेयक के तहत लोगों को 25 लाख रुपये तक मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं पाने का अधिकार दिया गया है और सरकार इलाज का खर्च उठाएगी. उन्होंने निजी डॉक्टरों से हड़ताल खत्म करने की अपील की है.

गहलोत ने आगे कहा, ‘डॉक्टरों द्वारा वित्त सचिव को दी गई सिफारिशों पर सबकी सहमति थी, लेकिन बाद में आरएसएस से जुड़े कुछ चार-पांच डॉक्टरों ने आपत्ति जताई. यह आरोप नहीं बल्कि सच्चाई है कि वे आरएसएस के लोग हैं.” उन्होंने यह भी कहा, ”डॉक्टरों को गुमराह करने वाले आरएसएस से जुड़े चार-पांच लोग गद्दार हैं.” मुख्यमंत्री गेहलोत ने दावा किया कि इनमें से दो लोग दिल्ली से आए थे. सीएम गहलोत ने यह भी कहा है कि ‘उन्हें वित्त सचिव अखिल अरोड़ा के पास भेजा गया था, लेकिन दोनों सचिव से मिलने के बजाय राज्यपाल के पास चले गए. यहां डॉक्टरों को गुमराह कर दिल्ली लौट गए।