सफल किसान आंदोलन से घबराई संघ-भाजपा सरकार दमन पर अमादा
- एआईपीएफ नेताओं की गिरफ्तारी के बाद भी भारत बंद के समर्थन में हुए प्रदर्शन
- अम्बानी-अडानी के कारपोरेट शिकंजे के लिए देश को निकालना जरूरी
लखनऊ: जनता के सभी हिस्सें से मिले समर्थन से सफल हुए आज किसानों के भारत बंद से घबराई आरएसएस-भाजपा की सरकार अब किसान आंदोलन को बदनाम करने और दमन पर अमादा है। लेकिन उसका यह प्रयास विफल होगा और देश को अम्बानी-अडानी जैसे कारपोरेट घरानों के शिकंजे से निकालने के लिए किसान विरोधी तीनों कानूनों व विद्युत संशोधन विधेयक की वापसी के लिए देशहित में जारी किसानों का शांतिपूर्ण व लोकतांत्रिक आंदोलन विजयी होगा। आरएसएस-भाजपा की योगी सरकार ने आज सुबह से ही वाराणसी में एआईपीएफ प्रदेश उपाध्यक्ष योगीराज सिंह, सोनभद्र के जिला संयोजक कांता कोल व चंदौली में राज्य समिति सदस्य अजय राय को नजरबंद किया। इसी तरह प्रदेश में बड़े पैमाने पर वामपंथी दलो और विपक्षी पार्टियों के नेताओं की गिरफ्तारी की गई बावजूद इसके किसानों को मिले वकीलों, व्यापारियों, अध्यापकों समेत जनता के हर हिस्से के व्यापक समर्थन से उत्तर प्रदेश में भी बंद सफल हुआ।
बंद के समर्थन में हुए कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए एआईपीएफ के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पूर्व आई. जी. एस. आर. दारापुरी ने प्रेस को जारी बयान में कहा कि मोदी सरकार चाहे जितना पर्दा डाले सच यही है कि अम्बानी, अडानी के हितों को पूरा करने के लिए ही सरकार ने इन कानूनों को संसद को बंधक बनाकर पास कराया है। कांट्रैक्ट खेती के कानून के जरिए कारपोरेट घरानें किसानों के समझौता कर मनमाने ढंग से खेती करा सकते है और किसान इसके खिलाफ अदालत भी नहीं जा सकता। आवश्यक वस्तु अधिनियम के जरिए सरकार ने हमारी खाद्य सुरक्षा को ही खतरे में डाल दिया, जिससे आने वाले दिनों में सस्ता राशन तक गरीबों से छीन जायेगा और इससे बेइंतहा महंगाई बढ़ेगी, उपभेक्ता समेत आम आदमी तबाह हो जायेगा। कारपोरेट घरानों को फसलों को खरीदने का मनमाना अधिकार देकर किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य से भी वंचित कर दिया गया। किसान और आम आदमी कृषि बाजार को पूरे तौर पर देशी विदेशी कारपोरेट घरानों के हवाले करने के सरकार के खेल को समझ रहा है इसलिए देश के हर हिस्से में आज किसानों का बंद सफल रहा है।
आज हुए कार्यक्रमों का नेतृत्व बिहार के सीवान में पूर्व विधायक व एआईपीएफ प्रवक्ता रमेश सिंह कुशवाहा, पटना में एडवोकेट अशोक कुमार, लखीमपुर खीरी में एआईपीएफ के प्रदेश अध्यक्ष डा. बी. आर. गौतम, सीतापुर में एआईपीएफ के महासचिव डा. बृज बिहारी, मजदूर किसान मंच नेता सुनीला रावत, युवा मंच के नागेश गौतम, अभिलाष गौतम, लखनऊ में दिनकर कपूर, उपाध्यक्ष उमाकांत श्रीवास्तव, वर्कर्स फ्रंट नेता प्रीती श्रीवास्तव, हाईकोर्ट के एडवोकेट कमलेश सिंह, सोनभद्र में प्रदेश सचिव जितेन्द्र धांगर, कृपाशंकर पनिका, राजेन्द्र प्रसाद गोंड़, सूरज कोल, श्रीकांत सिंह, रामदास गोंड़, जितेन्द्र गुप्ता, आगरा में वर्कर्स फ्रंट उपाध्यक्ष ई. दुर्गा प्रसाद, चंदौली में आलोक राजभर, रामेश्वर प्रसाद, मऊ में बुनकर वाहनी अध्यक्ष इकबाल अंसारी, इलाहाबाद में युवा मंच संयोजक राजेश सचान, बस्ती में एडवोकेट राजनारायण मिश्र ने किया।