पिछले दशक में वैश्विक इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में भारत की हिस्सेदारी ने जबरदस्त उछाल लिया और आने वाले वर्षों में मांग और भी तेज होगी। भारत में हजारों-लाखों लोगों की आय का जरिया इलेक्ट्रिक रिक्शा, जिसे लोग आसानी से लोन लेकर खरीद लेते हैं और हर महीने की कमाई से एक निश्चित राशि किस्त के रूप में भरकर लोन भी चुका देते हैं। रेवफिन ऐसी ही एक फाइनैंस कंपनी है, जो लोगों को सबसे तेज गति से इलेक्ट्रिक वाहन लोन मुहैया करने का दावा करती है। रेवफिन ने उत्तर प्रदेश में एक जागृति यात्रा अभियान शुरू किया है जिसका उद्देश्य उत्तर प्रदेश में सस्टेनेबल मोबिलिटी को बढ़ावा देना है.

रेवफिन के फाउंडर और सीईओ समीर अग्रवाल ने आज लखनऊ में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के वर्तमान और भविष्य को लेकर मीडिया से लंबी बातचीत की, 2018 में इलेक्ट्रिक ऑटो रिक्शा की फाइनेंसिंग से शुरुआत करने वाली फाइनेंस कंपनी रेवफिन आज हाई कमर्शियल व्हीकल तक को फाइनेंस करती है. रेव्फीन का मिशन इलेक्ट्रिक व्हीकल के ज़रिये मोबिलिटी में एक क्रांति लाना है. कंपनी सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहनों को ही फाइनेंस नहीं कर रही है है बल्कि इस सेक्टर से जुड़े इन्फ्राट्रक्चर को भी फाइनांस कर रही है. रेव्फीन की नज़र उत्तर प्रदेश पर है जो EV सेक्टर का एक बड़ा बाज़ार है। समीर अग्रवाल का मानना है कि उत्तर प्रदेश में सभी कमर्शियल व्हीकल एलेक्ट्रिफिएड होने चाहिए और इसमें 20 प्रतिशत हिस्सा रेफविन का हो.

ब्याज दरों के बारे में बात करते हुए समीर अग्रवाल ने कहा कि ये इस बात पर डिपेंड करता है कि खरीदार कौन है और कौन से EV वाहन खरीद रहा है। उन्होंने बताया कि मोटे तौर पर 10 से 14 प्रतिशत तक ब्याज दर ली जाती है। उन्होंने बताया कि लोन की प्रक्रिया बहुत आसान और ऑनलाइन है, कोई भी Revfin की app पर जाकर इलेक्ट्रिक वाहन के लिए अप्लाई कर सकता है. Revfin का लक्ष्य और सपना है कि अगले चार पांच साल में यूपी की सड़कों पर सौ प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहन दौड़ने लगे और उसमें 40 प्रतिशत भागीदारी रेव्फीन की हो. समीर अग्रवाल ने ये भी बताया कि आज भी ऑटोरिक्शा लोनिंग पर रेव्फीन ज़्यादा फोकस्ड है लेकिन आने वाले समय में दो पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों का बहुत स्कोप है और इसीलिए अब उधर कंपनी ने फोकस किया है.