राजस्व विभाग प्रदेश की प्रशासनिक एवं भूमि व्यवस्था की धुरी: सीएम योगी
12 ज़िलों में आवासीय/अनावासीय भवनों का वर्चुअल माध्यम से लोकार्पण
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राजस्व विभाग प्रदेश की प्रशासनिक एवं भूमि व्यवस्था की धुरी है। जब कोई विभाग अच्छा कार्य करता है, तो वह जनविश्वास का प्रतीक बनता है, जिससे लोकतंत्र मजबूत होता है। भूमि सम्बन्धी विवादों को निपटाने में राजस्व विभाग की अत्यन्त महत्वपूर्ण भूमिका है। विभाग द्वारा लोकहित में निरन्तर उत्कृष्ट, गुणात्मक कार्य करते हुए प्रदेश की प्रगति में अपना अमूल्य योगदान दिया जा रहा है। राजस्व विभाग जिस रूप में अपनी भूमिका का निर्वहन करता है, वह उसे जनमानस से जोड़ता है। आमजन की समस्याओं का समयबद्ध तरीके से समाधान हो सके इसके दृष्टिगत इन आवासीय और अनावासीय भवनों का निर्माण कराया गया है।
मुख्यमंत्री ने यह विचार आज यहां अपने सरकारी आवास पर राजस्व विभाग के अन्तर्गत प्रदेश के 12 जनपदों में 19 आवासीय/अनावासीय भवनों का वर्चुअल माध्यम से लोकार्पण करते हुए व्यक्त किये। इस अवसर पर केन्द्रीय राज्य मंत्री सड़क परिवहन एवं राज्य मार्ग सेवा निवृत्त जनरल श्री वी0के0 सिंह भी वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम से जुड़े।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्मचारी जिलों में रहकर कार्य कर सके तथा उसे स्थानीय स्तर पर ही आवास की सुविधा मिल सके, इसलिए इन आवासीय भवनों का निर्माण समयबद्ध ढंग से हुआ है। भूमि सम्बन्धी, आपदा प्रबन्धन व राहत जैसे महत्वपूर्ण कार्य राजस्व विभाग द्वारा किये जाते हैं। राजस्व विभाग के कार्याें मंे मण्डलायुक्त कार्यालय, जिलाधिकारी कार्यालय, उप जिलाधिकारी कार्यालय प्रशासन के केन्द्र बिन्दु होते हैं, जहां आमजन का सीधा सरोकार रहता है।
कार्यालयों में स्वच्छ, सुगम एवं सुव्यवस्थित परिवेश उपलब्ध कराने की दिशा में वर्तमान सरकार लगातार कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा 15 दिसम्बर, 2020 से वरासत दर्ज कराने का एक विशेष अभियान शुरु किया जा रहा है। वरासत दर्ज करने में किसी भी प्रकार की हीला-हवाली स्वीकार्य नहीं होगी। इसके बाद पैमाइश का भी विशेष अभियान शुरू किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व विभाग द्वारा मण्डल, जनपद व तहसील के कार्यालय भवनों का सतत निर्माण कराया जा रहा है। साथ ही, जनसमस्याओं के निवारण हेतु तथा अधिकारियों एवं कर्मचारियों की समय से कार्यालय में उपस्थिति सुनिश्चित कराने हेतु कार्यालय भवन के निकट ही उनके लिए आवासीय भवनों का निर्माण कराया जा रहा है। इस दिशा में किए गए प्रयासों के परिणामस्वरूप 100 करोड़ 20 लाख 72 हजार रुपए की लागत से प्रदेश की 19 गतिमान परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं।