रेपो रेट चार फीसदी पर बरक़रार, जारी रहेगी मंहगाई की मार
बिजनेस ब्यूरो
शुक्रवार को वर्ष की तीसरी मौद्रिक नीति समीक्षा जारी करते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि छह सदस्यों वाली मौद्रिक नीति समिति ने आम सहमति से रेपो रेट चार फीसदी पर ही बनाए रखने का फैसला किया।
रिजर्व बैंक ने आखिरी बार 22 मई 2020 को पॉलिसी दरों में बदलाव किया था। उसके बाद से लगातार सात समीक्षा में इसे यथावत रखा गया है।
जुलाई-सितंबर तिमाही में महंगाई दर 5.9 फीसदी रहने का अनुमान है। इसके बाद जनवरी-मार्च 2022 तिमाही में यह घट कर 5.8 फीसदी और अप्रैल-जून 2022 में 5.1 फीसदी पर आएगी।
उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में दिख रही रिकवरी को मजबूती देने के लिए हर तरफ से सहयोग की जरूरत है। अभी रिकवरी चुनिंदा सेक्टर में ही है। केंद्रीय बैंक का अनुमान है कि मौजूदा वित्त वर्ष में देश की विकास दर 9.5 फीसदी रहेगी। पिछली समीक्षा में भी इसने यही अनुमान जताया था।
रिजर्व बैंक ने फरवरी 2019 से रेपो रेट 2.5 प्रतिशत घटाया है, इसके बाद बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने भी हाउसिंग और कमर्शियल रियल एस्टेट के लिए लोन पर ब्याज दरों में औसतन 2.17 प्रतिशत की कटौती की है। आरबीआई गवर्नर के अनुसार यह अर्थव्यवस्था के लिए भी अच्छा है क्योंकि इस सेक्टर में बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलता है।