‘‘अमर जवान ज्योति’ को हटाना अक्षम्य अपराध और शहीदों का अपमान है: प्रमोद तिवारी
टीम इंस्टेंटखबर
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने मोदी सरकार द्वारा ‘‘अमर जवान ज्योति’’ का स्थान बदलने पर गहरी पीड़ा व्यक्त की है.
प्रमोद तिवारी ने कहा कि ‘‘अमर जवान ज्योति’’ देश की श्रद्धा, आदर और श्रृद्धांजलि की प्रतीक थी, उस ‘‘लौ’’ को उसके मूल स्थान से हटाना अत्यंत अक्षम्य अपराध है और अमर शहीदों की शहादत का अपमान है। उन्होंने कहा कि यह वही सरकार कर सकती है जिसके नेताओं ने आजादी के आन्दोलन में महात्मा गाँधी के ‘‘अंग्रेज़ों भारत छोंड़ों आन्दोलन’’ का साथ देने की जगह अंग्रेज़ों की सेना में भर्ती होने के लिये पत्र लिखकर आह्वान किया था ।
कांग्रेस नेता ने कहा कि आज इस मर्मान्तक पीड़ा को वे परिजन झेल रहे होंगे जिनके पिता, पुत्र, पति या भाई ने अपने प्राणों की आहुति देकर वर्ष 1971 की ‘‘विजय गाथा’’ अपने खून से लिखी थी । मेरे सहित देश के कई करोड़ देशवासियों की समझ में यह नहीं आ रहा होगा कि जिस पार्टी के प्रधानमंत्री अपने लिये 17 हजार करोड़ रुपये का विमान खरीद सकता है, जो अपने लिये कई करोड़ रुपये की कार खरीद सकता है, और जो लगभग 20 हजार करोड़ रुपये लगाकर नया संसद भवन (सेण्ट्रल विस्टा) के नाम पर अपना आवास और कार्यालय बनवा रहा है, क्या वह दो जगह शहीदों के सम्मान में दीप प्रज्ज्वलित नहीं कर सकता ? जो मात्र कुछ हजार या एक लाख में हो सकता है ।
प्रमोद तिवारी ने कहा है कि यदि 2 जगह दीप प्रज्ज्वलित होता तो वर्ष 1971 या उसके पहले जिन भारतीय जाॅबाॅजों ने अपने शौर्य को प्रदर्षित किया था उनके सम्मान में जलने वाली यह ‘‘अमर जवान ज्योति ’’ क्या करोड़ों भारतीयों को अनुपे्ररित नहीं करती ? यह ‘‘भारत माता’’ के अमर शहीदों की शहादत के सम्मान के विरुद्ध अक्षम्य अपराध है । अमर शहीदों के शहादत के सम्मान में चीजें जोड़ी जानी चाहिए- मिटाना नहीं चाहिए ।
श्री तिवारी ने कहा है कि देश की इस ‘‘अमर गौरव गाथा’’ के इतिहास को क्या इसलिये स्थान परिवर्तित कराया जा रहा है कि इतिहास में स्व. इन्दिरा गाँधी के साहसिक निर्णयों को कमतर पढ़ाया जाय ? और यह उस प्रधानमंत्री के कार्यकाल में हो रहा है जिसने गलवान घाटी और पैंगोंग झील पर बनने वाले नये पुल पर चुप्पी साध रखी है ।
प्रमोद तिवारी ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी अमर शहीदों का अपमान करने वालों के इस कदम की कड़े शब्दों में निन्दा करती है और अमर शहीदों की शहादत को ‘‘सैल्यूट’’ करते हुये तथा उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये यह वायदा करती है कि जब भी केन्द्र में कांग्रेस की सरकार आयेगी हम अमर शहीदों का सम्मान पुनः स्थापित करेंगे।