दिल्ली:
भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए देश की सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 6.8 फीसदी कर दिया है। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने नीतिगत दर रेपो में 0.35 फीसदी की और वृद्धि की. इसके साथ ही रेपो दर बढ़कर 6.25 फीसदी हुई.

रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था जुझारू बनी हुई है. वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती के बीच भारत एक उम्मीद की किरण है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा कि रेपो दर में 0.35 फीसदी वृद्धि का निर्णय बाजार उम्मीदों के अनुरूप है.

साथ ही, मुख्य मुद्रास्फीति ऊंची बनी हुई है और मौद्रिक कदम उठाने की जरूरत है. उन्होंने ये भी कहा कि बैंकिंग प्रणाली में नकदी की स्थिति अधिशेष है. दास ने ये भी कहा कि कृषि क्षेत्र मजबूत है. रबी की बुवाई सामान्य से 6.8 फीसदी अधिक है. चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-नवंबर की अवधि में गैर-खाद्य ऋण बढ़कर 10.6 लाख करोड़ रुपये हुआ. पिछले साल की समान अवधि में यह 1.9 लाख करोड़ रुपये था.

दास ने कहा कि आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को सात फीसदी से घटाकर 6.8 फीसदी किया. रिजर्व बैंक आंकड़ों पर गौर करने के बाद उसी के आधार पर नीतिगत कदम उठाएगा. आगामी महीनों में नकदी की स्थिति सुधरेगी. आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति 6.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया, तीसरी तिमाही में इसके 6.6 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.9 फीसदी रहने की संभावना है.