देश में पहली बार नहीं होगा रणजी ट्रॉफी का आयोजन
नयी दिल्ली: भारतीय क्रिकेट के इतिहास में उसकी प्रमुख राष्ट्रीय प्रतियोगिता रणजी ट्रॉफी का पिछले 85 वर्षों में पहली बार आयोजन नहीं होगा। रणजी की शुरुआत 1934-35 में हुई थी और उसके बाद से यह पहला मौका है जब रणजी ट्रॉफी का आयोजन नहीं किया जाएगा।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी टी-20 टूर्नामेंट का फाइनल 31 जनवरी को पूरा हो जाने के बाद 50 ओवर के विजय हजारे ट्रॉफी टूर्नामेंट और महिला वनडे टूर्नामेंट को आयोजित करने का फैसला किया है लेकिन बोर्ड को लम्बे फॉर्मेट के रणजी ट्रॉफी के लिए विंडो नहीं मिल पा रही है। इसलिए उसने इस सत्र में रणजी को नहीं कराने का फैसला किया है।
बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरभ गांगुली रणजी ट्रॉफी कराने के पक्ष में हैं लेकिन बोर्ड राष्ट्रीय टूर्नामेंट के लिए कोई विंडो नहीं ढूंढ पा रहा है। बीसीआई के लिए फरवरी और मार्च के दो महीने के समय में रणजी करना काफी मुश्किल है, इसलिए वह सीमित ओवरों के टूर्नामेंट कराने के पक्ष में है। अप्रैल में आईपीएल के 14वें सत्र का आयोजन होना है।
बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने राज्य संघों को पत्र लिखकर यह पुष्टि की है कि महिला वनडे टूर्नामेंट का आयोजन विजय हजारे ट्रॉफी के साथ-साथ किया जाएगा जबकि वीनू मांकड अंडर-19 ट्रॉफी को बाद में आयोजित किया जाएगा। टूर्नामेंटों के विस्तृत कार्यक्रम पर काम चल रहा है।
बीसीसीआई ने राज्य संघों से रणजी ट्रॉफी के लम्बे फॉर्मेट और विजय हजारे ट्रॉफी के 50 ओवर के टूर्नामेंट के आयोजन के लिए सुझाव मांगे थे। सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी का कोरोना काल के समय में सफल आयोजन हुआ है और अब 31 जनवरी को इसके फ़ाइनल का आयोजन अहमदाबाद के नवनिर्मित सरदार पटेल स्टेडियम में होना है। बीसीसीआई ने घरेलू सत्र की शुरुआत के लिए राज्य संघों से सुझाव मांगे थे और सभी राज्य संघों ने एकमत से सुझाव दिया था कि पहले मुश्ताक अली का आयोजन हो।