फाइलेरिया से ग्रसित रामरती को दवा छोड़ने का आज भी होता है पछतावा
हमीरपुर
सुमेरपुर ब्लाक के कुंडौरा गांव की 55 वर्षीय रामरती फाइलेरिया की दवा लेकर घर पहुंची टीम को देखकर अपनी गलती का एहसास करते हुए बोल उठी कि काश उसने दवा खानी न छोड़ी होती तो आज फाइलेरिया से नहीं जूझ रही होती। हालांकि फाइलेरिया का असर होने के बाद से लगातार दवा खाने की वजह से रामरती के दाहिने पैर की सूजन स्थिर हो गई है। बगैर किसी हिचकिचाहट के दवा खाने वाली रामरती ने अपने पड़ोस में रहने वालों को भी दवा खाने को प्रेरित किया।
इस वक्त फाइलेरिया उन्मूलन अभियान जोरशोर से चल रहा है। प्रतिदिन टीमें घर-घर जाकर दो साल से ऊपर के सभी लोगों को अपनी मौजूदगी में फाइलेरिया से बचाव की दवा खिला रही हैं। सुमेरपुर ब्लाक के कुंडौरा गांव जिला मलेरिया अधिकारी आरके यादव, विश्व स्वास्थ्य संगठन के चित्रकूटधाम के जोनल कोआर्डिनेटर डॉ.राहुल और पीसीआई के जिला समन्वयक प्रेम सिंह कटियार अभियान का जायजा लेने पहुंचे थे। टीम के साथ गांव में कुछ घरों में जाकर लोगों को दवा के फायदे बताते हुए उन्हें दवा खाने को प्रेरित भी कर रहे थे। इसी दौरान टीम कुंडौरा गांव की रामरती के दरवाजे पहुंची। टीम को देखकर दरवाजे पर पहुंची रामरती दवा खाते-खाते अपनी पुरानी यादों में डूब गई।
रामरती ने टीम को बताया कि उसने करीब दस साल पूर्व फाइलेरिया की दवा खाई थी। तब उसे उल्टी, चक्कर और जी मिचलाने की शिकायत हुई थी। तब उसे नहीं पता था कि उसके शरीर में फाइलेरिया का बैक्टीरिया पहुंच चुका है। लिहाजा उसने इसके बाद जब-जब स्वास्थ्य कर्मी दवा लेकर घर आए, बहाने बनाकर दवा नहीं खाई या फिर दवा लेकर यहां-वहां फेंक दी। एकाध बार टीम से झगड़ा भी कर बैठी। लेकिन तीन साल पूर्व जब उसे फाइलेरिया का असर हुुआ तब उसे एहसास हुआ कि उससे कितनी बड़ी गलती हुई।
रामरती ने बताया कि उसके दाहिने पैर में फाइलेरिया का असर है। सूजन आ गई है। आज से दस साल पूर्व फाइलेरिया की दवा खाने की वजह से उसे जो दिक्कत हुई थी वह शरीर में फाइलेरिया के बैक्टीरिया की मौजूदगी के कारण हुई थी। उस वक्त वह पूरी तरह से स्वस्थ थी, अगर उसी दिन से लगातार दवा खाती तो आज यह नौबत नहीं आती। हालांकि फाइलेरिया होने के बाद से रामरती के लगातार दवा खाने की वजह से उसके पैर की सूजन स्थिर हो गई है, जिससे उसे चलने-फिरने में दिक्कत नहीं होती है। रामरती ने टीम के सामने ही अपने पड़ोसियों को भी फाइलेरिया की दवा खाने को प्रेरित किया।
6.01 लाख लोगों ने खाई फाइलेरिया की दवा
जिला मलेरिया अधिकारी आरके यादव ने बताया कि 22 नवंबर से शुरू हुए फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत अब तक जिले भर में 6.01 लाख लोगों को दवा खिलाई जा चुकी है। अभियान सफलता के साथ आगे बढ़ रहा है। आम जनमानस भी अभियान में सहयोग कर रहा है। उधर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.एके रावत ने भी लोगों से फाइलेरिया जैसी बीमारी से बचाव के लिए दवा खाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि फाइलेरिया बीमारी से बचने का यही एकमात्र उपाय है कि लोग दवा खाएं, खुद भी बचें और अपने परिवार को बचाएं।