जम्मू:
भारत जोड़ो यात्रा पर निकले कांग्रेस नेता को जीवनसाथी के रूप में 52 साल की उम्र में अभी सही लड़की की तलाश है, जिस दिन सही लड़की मिल जाएगी वो शादी कर लेंगे। दरअसल राहुल गाँधी अपने माता पिता की शादीशुदा ज़िन्दगी से काफी प्रभावित हैं और इसलिए जीवन संगिनी के लिए उनकी अपेक्षाएं बहुत हैं और अभी तक उन्हें कोई ऐसी लड़की नहीं मिली है जो उनकी अपेक्षाओं पर खरी उतरे। राहुल गाँधी ने अपने इंटरव्यू में यह भी कहा कि जिस दिन वो लड़की मिल जाएगी मैं शादी कर लूँगा.

इस बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें शादी करने में कोई दिक्कत नहीं है. राहुल गाँधी ने सही लड़की का उन्होंने मतलब भी बताया और कहा कि जब वह मिलेगी, तो अच्छा रहेगा. जीवनसंगिनी में क्या खूबियां होनी चाहिए, क्या उसकी कोई लिस्ट बना रखी है इस सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने कहा कि नहीं. मुझे केवल एक प्रेम करने वाली लड़की चाहिए, जो समझदार भी हो. राहुल ने कहा कि अगर वह प्रधानमंत्री बनेंगे, तो तीन चीजें करेंगे, पहली- शिक्षा प्रणाली में बदलाव, दूसरी-लघु एवं मध्यम उद्यमों की सहायता और तीसरी- मुश्किल दौर से गुजर रहे किसानों और बेरोजगार नौजवानों जैसे लोगों की मदद करेंगे.

राहुल ने कहा कि उनकी दादी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उनकी पढ़ाई-लिखाई घर पर ही हुई. उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद उनके पिता राजीव गांधी प्रधानमंत्री बने थे. उन्होंने उस समय को याद करते हुए कहा कि यह वाकई में सदमे जैसे था. उन्होंने कहा कि सुरक्षाकर्मियों के साथ हम स्कूल नहीं जा सकते थे. मैं एक बोर्डिंग स्कूल में पढ़ाई कर रहा था, लेकिन दादी की हत्या से पहले उन्होंने हमें वहां से निकाल लिया था. जब दादी की हत्या हो गई, तब उन्होंने हमें वापस नहीं जाने दिया. राहुल ने कहा कि स्कूल में कुछ शिक्षक उनसे बहुत अच्छी तरह से पेश आते थे, लेकिन कुछ उनके परिवार की गरीब-हितैषी राजनीति के कारण उनके साथ रूखा व्यवहार करते थे. राहुल से उनकी उच्च शिक्षा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मैं एक साल सेंट स्टीफन में था और मैंने वहां इतिहास की पढ़ाई की. इसके बाद मैं हार्वर्ड यूनिवर्सिटी चला गया, जहां मैंने इंटरनेशनल रिलेशन और पॉलिटिकल साइंस की पढ़ाई की. कांग्रेस नेता ने बताया कि मई 1991 में राजीव गांधी की हत्या के बाद सुरक्षा संबंधी चिंताएं पैदा हो गईं. राहुल ने कहा कि उन्हें फ्लोरिडा के रोलिंस कॉलेज भेज दिया गया, जहां उन्होंने इंटरनेशनल रिलेशन और इकोनॉमिक्स की पढ़ाई की. उन्होंने बताया कि उनके पास ब्रिटेन के कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से ‘डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स’ में ‘मास्टर्स की डिग्री’ भी है. अपनी पहली नौकरी के बारे में राहुल ने बताया कि उन्होंने लंदन की रणनीतिक सलाहकार फर्म ‘मॉनिटर कंपनी’ में सेवा दी और तब वह 24-25 साल के रहे होंगे. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने बताया कि उन्हें पहली सैलरी के रूप में 2500 से 3000 पाउंड का चेक