गुजरात की जनता को राहुल ने दिए आठ वचन
अहमदाबाद:
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को अहमदाबाद के साबरमती रीवरफ्रंट पर कांग्रेस कर्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार और बीजेपी पर जमकर हमला बोला। राहुल यहां कांग्रेस के ‘बूथ योद्धाओं’ के ‘परिवर्तन संकल्प’ सम्मेलन नाम से आयोजित सभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान राहुल गांधी ने गुजरात की जनता से 10 लाख तक के इलाज, 300 यूनिट मुफ्त बिजली समेत 8 वादे किए।
हर गुजराती को 10 लाख तक का इलाज कराने की ज़िम्मेदारी सरकार की होगी। किसानों के 3 लाख तक के क़र्ज़े माफ़, किसानों की बिजली बिल माफ़ किए जाएंगे। आम उपभोक्ताओं की 300 यूनिट बिजली मुफ़्त दी जाएगी। युवाओं के लिए 10 लाख नौकरियां निकाली जाएंगी जिसमें 50% नौकरियों पर हक़ लड़कियों का होगा। गुजरात में सरकारी नौकरियों में कांट्रैक्ट सिस्टम ख़त्म कर देंगे और युवाओं के लिए 3000 रुपये का बेरोज़गारी भत्ता दिया जाएगा।गुजरात के दुग्ध उत्पादकों को 1 लीटर पर 5 Rs की सब्सिडी दी जाएगी। 3000 सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूल पूरे गुजरात में खोले जाएंगे। 4 लाख रुपये का कोविड कॉम्पन्सेशन, गुजरात के उन 3 लाख परिवारों दिया जाएगा जिन्होंने अपने लोगों को कोविड में खोया है। करप्शन के ख़िलाफ़ क़ानून लाएंगे और पिछले 27 सालों में हुए करप्शन की स्क्रूटिनी होगी और दोषियों को जेल भेजा जाएगा।
राहुल ने तंज कसते हुए कहा कि गुजरात ऐसा राज्य है जहां आंदोलन के लिए परमिशन लेनी पड़ती है। जिसके खिलाफ आंदोलन करना है, उसकी पहले परमीशन लेनी पड़ेगी। यह गुजरात है। उन्होंने गुजरात सरकार पर छोटे कारोबारियों को मदद नहीं करने के भी आरोप लगाए। राहुल ने कहा कि गुजरात सरकार छोटे कारोबारियों की कोई मदद नहीं करती है। छोटे व्यापारियों को नोटबंदी से कोई फायदा नहीं हुआ। बड़े-बड़े उद्योगपतियों को ही फायदा हुआ। किसी भी व्यापारी से पूछिए तो बताएगा की जीएसटी से सिर्फ नुकसान, नुकसान, नुकसान है।
राहुल गांधी ने बीजेपी सरकार पर हमला जारी रखते हुए कहा कि अगर आप अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाना चाहो तो उन्हीं उद्योगपतियों से परमीशन लेनी पड़ेगी। क्या सरदार पटेल ने अंग्रेजों से आंदोलन के लिए परमीशन ली थी? क्या अंग्रेजों के पास जाकर कहा था कि भैया हमें आंदोलन की परमीशन दो? अगर आज सरदार पटेल होते और उनसे आप कहते की आंदोलन के लिए सरकार की परमीशन लेनी पड़ेगी तो सरदार पटेल कहते, ऐसी सरकार को निकाल बाहर फेंकों।
राहुल गांधी ने कहा कि लड़ाई कांग्रेस-बीजेपी के बीच नहीं है। लड़ाई किसी पार्टी से नहीं, समझना होगा कि किसके खिलाफ लड़ाई है? बीजेपी ने सरदार पटेल की मूर्ति बनाई। दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति स्थापित की। बीजेपी और आरएसएस के लोगों ने यह मूर्ति बनाई। सरदार पटेल क्या थे? उन्होंने अपनी जिंदगी किसके लिए दी? क्यों लड़े और किससे लड़े?
कांग्रेस नेता ने कहा कि सरदार पटेल एक व्यक्ति नहीं थे। वह गुजरात और हिंदुस्तान के किसानों की आवाज थे। उनके मुंह से जो निकलता था, वह गुजरात और हिंदुस्तान के किसानों के हित के लिए निकलता था। सरदार पटेल को पढ़ो, भाषण सुनो तो उनमें किसानों के खिलाफ उन्होंने अपनी जिंदगी में एक शब्द नहीं कहा। उन्होंने गुजरात की लोकतांत्रिक संस्थाओं को खड़ा किया। सरदार पटेल के बिना, अमूल पैदा नहीं हो सकता था।
सरदार पटेल होते तो अरबपतियों का कर्ज नहीं माफ करते। वह होते तो किसानों के खिलाफ काले कानून लागू नहीं करते। एक तरफ मूर्ति बनाते हैं दूसरी तरफ उनकी सोच पर आक्रमण करते हैं। हमने किसानों को कर्ज माफ किया। जिस राज्य में सत्ता मिली, वहां किसानों का सबसे पहला काम कर्जमाफी का ही किया। यहां भी 3 लाख रुपये तक का कर्ज माफ करेंगे।
बीजेपी पर हमला जारी रखते हुए राहुल गांधी ने आगे कहा कि संस्थाएं अंपायर का काम करती हैं। लेकिन जिन संस्थाओं की नींव सरदार पटेल ने रखी, चाहे विधानसभा हो, चाहे पुलिस हो चाहे मीडिया हो, बीजेपी ने सारी संस्थाओं को कैप्चर कर लिया है। यहां आप एक रानजीतिक पार्टी से नहीं लड़ रहे हो, यहां आप बीजेपी की उन सारी संस्थाओं के खिलाफ लड़ रहे हो, जिन्हें बीजेपी ने कैप्चर कर लिया है।
राहुल गांधी ने गुजरात में भारी मात्रा में पकड़े गए ड्रग्स को लेकर भी बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ड्रग्स मिला, गुजरात ड्रग्स का हब बन गया है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। क्या कारण है कि हर दो-तीन महीने में मुद्रा पोर्ट में ड्रग्स मिलती है, जो गुजरात के युवाओं का भविष्य खत्म कर रही है। लेकिन कोई ऐक्शन नहीं हो रहा है। किसी गरीब व्यक्ति के घर में पुलिस ड्रग ढूंढ ले तो लाठी मारकर अंदर कर देंगे, लेकिन हजारों करोड़ रुपये की ड्रग मिलने के बाद कोई कार्रवाई नहीं, यह है गुजरात मॉडल।