राहुल द्रविड़ को मिली विश्व चैंपियन कोच की पहचान
किसने सोचा होगा कि मजबूरी में टीम इंडिया के कोच बने राहुल द्रविड़ अपने सफर का अंत इस अंदाज में करेंगे. करीब ढाई साल पहले ही राहुल द्रविड़ को टीम इंडिया का कोच नियुक्त किया गया था. तब टीम इंडिया टी20 वर्ल्ड कप 2021 के सेमीफाइनल तक भी क्वालिफाई नहीं कर पाई थी और अब टीम इंडिया के साथ उनका आखिरी मुकाम भी यही टूर्नामेंट साबित हुआ. टी20 वर्ल्ड कप फाइनल के साथ ही द्रविड़ का सफर भी टीम इंडिया के साथ खत्म हो गया. बड़ी बात ये है कि राहुल द्रविड़ आखिरी मैच में वर्ल्ड चैंपियन बन ही गए. उनका सफर काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा, जिसमें कुछ शानदार जीत थीं, जो कुछ दिल तोड़ने वाली नाकामी भी थी.
2021 में रवि शास्त्री का कार्यकाल खत्म होने के बाद टीम इंडिया को आगे ले जाने का जिम्मा राहुल द्रविड़ को सौंपा गया था. तब खबरें आई थीं कि उस वक्त के बीसीसीआई अध्यक्ष और राहुल द्रविड़ के करीबी सौरव गांगुली और बीसीसीआई सचिव जय शाह ने उन्हें कोच बनने के लिए काफी मनाया था. द्रविड़ उस वक्त तक नेशनल क्रिकेट एकेडमी के डाइरेक्टर थे औक अंडर-19 टीम को कोचिंग देते थे. द्रविड़ भी तब टीम इंडिया का कोच बनने के इच्छुक नहीं थे लेकिन गांगुली-शाह के मनाने पर वो इसके लिए मान गए.
द्रविड़ को कोच बनाने का उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ ये था कि टीम इंडिया के खिताब का सूखा खत्म हो सके. सेमीफाइनल और फाइनल की बाधा में फंसने वाली टीम इंडिया को इसे पार करने का जज्बा भरा जा सके. उम्मीदें हमेशा ही पूरी हों, ऐसा नहीं होता और द्रविड़ के मामले में भी ऐसा ही हुआ. उनके कोच बनते ही पहली टेस्ट सीरीज न्यूजीलैंड के खिलाफ खेली गई थी, जिसे भारत ने 1-0 से अपने नाम किया था. फिर अगली ही टेस्ट सीरीज साउथ अफ्रीका में थी, जहां टीम को हार का सामना करना पड़ा था.
टीम इंडिया को हालांकि सबसे ज्यादा जरूरत एक खिताब की थी लेकिन पहली कोशिश में ही टीम इंडिया को नाकामी मिली थी. टी20 वर्ल्ड कप 2022 में टीम इंडिया सेमीफाइनल में हारकर बाहर हो गई थी. द्रविड़ पर सवाल उठे थे क्योंकि उन्हें टीम इंडिया को बदलने की जिम्मेदारी दी गई थी लेकिन टीम अपने पुराने ढर्रे पर ही दिखी. लगातार आलोचना होती रही कि द्रविड़ का रहना भी टीम को नहीं बदल सका लेकिन वो डटे रहे. कप्तान रोहित शर्मा के साथ मिलकर धीरे-धीरे द्रविड़ ने टीम को बदला और इसका नतीजा लगातार सुधरते हुए प्रदर्शन के रूप में दिखा.
हालांकि, खिताब फिर भी टीम इंडिया से दूर ही रहा और एक बार फिर वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हार का सामना करना पड़ा. फिर 4 महीने बाद घर में हुए वनडे वर्ल्ड कप 2023 में टीम इंडिया ने सनसनीखेज प्रदर्शन किया और एक बार फिर टीम फाइनल में पहुंची लेकिन वही नतीजा- फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने हरा दिया. इसके बावजूद द्रविड़ पर भरोसा बरकरार रहा और बीसीसीआई ने उन्हें टी20 वर्ल्ड कप 2024 तक एक्सटेंशन दे दिया.
राहुल द्रविड़ के कोचिंग करियर में टीम इंडिया ने 8 टेस्ट सीरीज खेली, जिसमें भारत ने 6 में जीत दर्ज की, जबकि 1 ड्रॉ रहीं और सिर्फ 1 में ही हार मिली. हालांकि, इस दौरान टीम इंडिया ने इंग्लैंड के खिलाफ पांचवां टेस्ट हारकर सीरीज जीतने का मौका गंवाया, जबकि WTC फाइनल में भी हार मिली. कुल मिलाकर द्रविड़ के कार्यकाल में 24 टेस्ट में भारत को 14 में जीत मिली, जबकि 7 में हार और 3 ड्रॉ रहे.
खिताबों की बात करें तो द्रविड़ ने टीम इंडिया को 2023 एशिया कप का चैंपियन बनवाया लेकिन बड़े आईसीसी टूर्नामेंट में हार ही मिली. WTC 2023 का फाइनल,वनडे वर्ल्ड कप 2023 का फाइनल हारे, जबकि टी20 वर्ल्ड कप 2022 के सेमीफाइनल में नाकाम रहे और इसी तरह एशिया कप 2022 में भी फाइनल तक नहीं पहुंच सके थे. लेकिन राहुल द्रविड़ के कोचिंग कार्यकाल का आखिरी दिन कमाल रहा. टीम इंडिया टी20 वर्ल्ड कप जीती और अब वो वर्ल्ड चैंपियन कोच कहलाए जाएंगे.