अदनान

न्यूजीलैंड और भारत के खिलाफ कानपूर के ग्रीन पार्क में खेली जा रही दो मैचों की सीरीज़ का पहला टेस्ट एक दिलचस्प मोड़ पर पहुँच चूका है और उसकी वजह है कप्तान अजिंक्य रहाणे का एक बोल्ड डिसीज़न। रहाणे ने मैच के चौथे दिन अपनी दूसरी पारी 234 रनों पर डिक्लेयर कर विरोधी टीम को पूरा मौका दिया कि अगर उनमें हिम्मत है तो आखरी दिन 90 ओवरों में जीत का लक्ष्य पूरा करके दिखाए।

रहाणे का यह निर्णय मानसिक तौर पर विरोधी टीम पर दबाव बनाने की एक कोशिश ही कही जाएगी। पिच के जो हालात हैं उसको देखकर तो रहाणे का यह निर्णय जुआ नहीं बल्कि एक सोचा समझा फैसला लगता है. रहाणे को मालूम है कि आखरी दिन विकेट और बुरा बर्ताव करेगी। वह अपनी कप्तानी के रिकॉर्ड को भी और बेहतर बनाना चाहते हैं, रहाणे को मालूम है कि मुंबई में खेले जाने वाले अगले टेस्ट में टीम के रेगुलर कप्तान विराट कोहली की वापसी होने वाली है, उनके पास यह बेहतरीन मौका है कि वह मैच जीतकर विराट को सीरीज़ जीतने का पूरा अवसर दें.

वैसे भी भारत की ज़मीन पर अबतक कोई भी टीम अंतिम पारी में 284 रनों के लक्ष्य के आसपास भी नहीं पहुँच सकी है, कानपूर के मैदान पर तो यह और भी मुश्किल है. अगर पहले के रेकॉर्डों को देखें तो अबतक केवल दो ही टीमें ऐसी रही हैं, जिन्होंने सफलतापूर्वक दो बार दो सौ के ऊपर के टारगेट को हासिल किया है. पिछली बार यह कारनामा सर विव रिचर्ड्स की कप्तानी में वेस्टइंडीज ने किया था, कैरेबियन टीम ने 1987 में दिल्ली में 5 विकेट पर 276 रन बनाए थे, उससे पहले 1972 में टॉनी लुईस की कप्तानी में इंग्लैंड ने दिल्ली में ही 4 विकेट पर 208 रन बनाकर जीत का लक्ष्य हासिल किया था.

अगर हम कानपुर की बात करे तो आपको जानकारी दे दें कि ग्रीन पार्क में चौथी पारी में सबसे देर तक बल्लेबाजी करने वाली टीम न्यूज़ीलैण्ड की ही है. 1976 में न्यूजीलैंड ने कानुपर में चौथी पारी में 117 ओवर खेलकर 7 विकेट पर 193 रन बनाए थे. अब देखना है कि केन विलियमसन की टीम 193 रनों से आगे बढ़ पाती है या नहीं।

सोमवार को कीवी टीम के पास पूरे 90 ओवर हैं, अगर मौसम से खेल प्रभावित न हुआ तो! और उन्हें जीत के लिए बनाने होंगे 280 रन. न्यूज़ीलैण्ड ने अगर यह लक्ष्य प्राप्त कर लिया तो एक इतिहास रच जायेगा, हालाँकि ऐसा होना बहुत मुश्किल दिख रहा है. फिर क्रिकेट में सबकुछ संभव है.