यूक्रेन के खिलाफ लंबे समय से आक्रामक रुख दिखाने वाला रूस इस युद्ध में उन यूक्रेनी सैनिकों की लाशों को भी नहीं बख्श रहा है जिन्हें उसने कैद किया है। डेलीमेल की एक रिपोर्ट के अनुसार यूक्रेन के एक प्रिजनर ऑफ वॉर (युद्ध बंदी) की पत्नी ने दावा किया है कि रूस मृत कैदियों के अंग निकालकर बेच रहा है। दरअसल, हाल ही में सामने आया है कि व्लादिमीर पुतिन की सेना ने यूक्रेन के मृत सैनिकों के शव लौटाए थे और इन शवों में कई महत्वपूर्ण अंग गायब थे।

ऐसे ही एक प्रिजनर ऑफ वॉर की पत्नी और ‘फ्रीडम टू डिफेंडर्स ऑफ मारियूपोल’ संगठन की अध्यक्ष लेरिसा सलाएवा ने कहा कि यह सबको मालूम हो चुका है कि बॉडी एक्सचेंज के दौरान हमें जो शव मिले थे उन्हें टॉर्चर किया गया था। लेकिन, इन शवों में कई अंग ही नहीं हैं। सलाएवा ने कहा कि मैं मानती हूं कि रूस में ऑर्गन ट्रांसप्लांटेशन के लिए ब्लैक मार्केट एक्टिव है और यह घटना मेरे विश्वास को और मजबूत करती है। दुर्भाग्य से ऐसा हमारे युद्ध बंदियों के साथ हो रहा है।

वह अंकारा में प्रिजनर्स ऑफ वॉर और तुर्की के लिए यूक्रेन के राजदूत वेसिल बोडनार के बीच एक बैठक को संबोधित कर रही थीं। सलाएवा ने कहा कि यह बहुत जरूरी है कि पूरी दुनिया को इसके बारे में पता चले ताकि इस अपराध पर रोक लगाई जा सके। उन्होंने तुर्की सरकार से अपील की कि एक मेडिकल कमीशन का गठन किया जाए जो यूक्रेन और रूस दोनों देशों के युद्ध बंदियों के हेल्थ स्टेटस की निगरानी करे। ऐसे मामलों में तुर्की को मध्यस्थ के रोल में आना चाहिए।

बता दें कि जेनेवा कन्वेंशन के तहत शव और युद्ध बंदियों का एक्सचेंज सिर्फ युद्ध समाप्त होने के बाद ही होता है। लेकिन, रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई में यह एक्सचेंज विवाद की शुरुआत होने के 6 महीने बाद ही शुरू हो गया था। हालांकि, अंग चोरी करने के इन आरोपों को रूस के सूत्रों ने खारिज किया है और आरोप लगाया है कि यूक्रेन के लोग व्लादिमीर पुतिन की छवि को खराब करने के लिए इस तरह के दावे कर रहे हैं। हालांकि, सच क्या है यह समय ही बताएगा।