विश्व मलेरिया दिवस 25 अप्रैल पर विशेष

हमीरपुर
जनपद में इस वक्त मलेरिया की रफ्तार पर ब्रेक लग गया है, लेकिन डेंगू का डंक डराने लगा है। पिछले दो सालों में डेंगू बुखार की रफ्तार दोगुनी हुई है। इस दरम्यान सरकारी आंकड़ों में दो मरीजों की डेंगू बुखार की वजह से मौत भी हुई है।

आंकड़ों की नजर में मलेरिया और डेंगू
वर्ष 2020 में 10870 बुखार ग्रसित मरीजों के सैंपल लेकर जांच की गई थी, जिसमें नौ लोगों को मलेरिया की पुष्टि हुई थी। 2021 में 10327 जांचों में सिर्फ 6 मलेरिया के मरीज मिले थे। इसी तरह 2022 में अब तक 9519 जांचों में महज एक मरीज में मलेरिया की पुष्टि हुई है। अब दो सालों के डेंगू के आंकड़ों पर गौर करें तो वर्ष 2020 में डेंगू के 69 केस रजिस्टर्ड हुए थे। 2021 में इन केसों में चार गुना वृद्धि दर्ज की गई और 253 डेंगू मरीज चिन्हित हुए। इन दोनों सालों में डेंगू से ग्रसित एक-एक मरीज की सरकारी आंकड़ों में मौत भी हुई है।

मलेरिया-डेंगू से निपटने के पर्याप्त इंतजाम
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.एके रावत का कहना है कि मलेरिया और डेंगू दोनों बुखारों से निपटने के लिए पर्याप्त इंतजाम है। जहां कहीं भी मलेरिया या डेंगू के मरीज मिलते हैं वहां तत्काल टीमें भेजकर सैंप्लिंग कराई जाती है।

लोगों को भी होना होगा जागरूक
जिला मलेरिया अधिकारी आरके यादव का कहना है कि मलेरिया के केसों में साल दर साल कमी दर्ज की जा रही है, लेकिन डेंगू के केस बढ़े हैं। लोगों को मच्छरों की बढ़वार रोकने को जागरूक होना पड़ेगा। अपने घरों में किसी भी तरह के पानी का जमाव न होने दें, जहां पानी का भराव हो, वहां कैरोसिन की कुछ बूंदें डाल दें। नियमित साफ-सफाई रखें। मच्छर गंदे और साफ दोनों ही पानी में पनपते हैं।

बारिश में सिर उठाता है मलेरिया का बुखार
मलेरिया रोग एनाफिलीज मादा मच्छर के काटने से होता है। इस प्रजाति के मच्छर बारिश के मौसम में अधिक होते है। क्योंकि बारिश का पानी अधिक दिनों तक जमा होने की वजह से दूषित हो जाता है और यही इसी प्रजाति के मच्छर की उत्पत्ति होती है। मलेरिया के मच्छर के काटने की वजह से व्यक्ति को बुखार और सिर दर्द आना शुरू हो जाता है। कभी कभी यह बुखार कम हो जाता है तो दुबारा आ जाता है। एनाफिलीज मादा मच्छर के काटने की वजह से इसका डंक का जीवाणु रोगी के रक्त में प्रवेश करके कोशिकाओं को प्रभावित करता है।

तुरंत हो जांच, न आए मलेरिया से जीवन पर आंच

  • बीच में दवा न छोड़े।
  • लक्षण समाप्त होने पर भी मलेरिया का पूरा इलाज कराएं।
  • सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।
  • स्वच्छता का विशेष ध्यान रखे, और पूरी आस्तीन वाले कपड़े पहने।
  • जल भराव न होने दे।
  • लार्वा को खाने वाली गम्बुसिया मच्छली को कुओं और तालाबों में डाले

मलेरिया के लक्षण

  • बुखार आना, सिर दर्द होना, उल्टी होना, जी का मचलना, ठंड लगना, चक्कर आना, थकान लगना।

डेंगू मरीज की तेजी से गिरती हैं प्लेटलेट्स
जिला अस्पताल के फिजीशियन डॉ.आरएस प्रजापति बताते हैं कि एडीज मच्छर के काटने पर वायरस तेजी से मरीज के शरीर में अपना असर दिखाता है। जिसके कारण तेज बुखार और सिर दर्द जैसे लक्षण दिखाई देते है। डेंगू होने पर मरीज के ब्लड में प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से कम होने लगती है जिसके कारण कई बार रोगी की जान का खतरा तक बन जाता है। डेंगू के शुरुआती लक्षण सामान्य बुखार से मिलते जुलते होते हैं।

डेंगू के लक्षण

  • एडीज मच्छर के काटने के चार दिनों से लेकर दो सप्ताह के बीच कभी भी डेंगू के लक्षण दिखाई दे सकते हैं।
  • डेंगू के दौरान रोगी को 40 डिग्री सेल्सियस तापमान का तेज बुखार आता हैं।
  • सिर में तेज दर्द होता है।
  • रोगी को सिर दर्द के साथ आंखों के पीछे भी दर्द होता है।
  • डेंगू के दौरान जी मचलना या उल्टी लगना, ग्रंथियों में सूजन हो जाना, जोड़ों, हड्डियों और मांसपेशियों में दर्द होना और त्वचा पर लाल चकत्ते होना भी

चीते जैसी धारी वाला होता है डेंगू का मच्छर
यह बीमारी एडीज नामक मच्छर के काटने से होती है। ये विशेष प्रकार के मच्छर होते हैं, जिनके शरीर पर चीते जैसी धारियां पाई जाती हैं। यह मच्छर गर्म माहौल में भी जिंदा रह सकता है।