सकारात्मक सोच से बड़ी से बड़ी परेशानी का हल निकल आता है : नायला रूश्दी
IILM लखनऊ में पीजीडीएम 2021-23 बैच का ई-ओरिएंटेशन कार्यक्रम आयोजित
लखनऊ ब्यूरो
आई0आई0एल0एम0 एकेडमी आफ हायर लर्निंग ने पीजीडीएम 2021-23 और पीजीडीएम (फाइनेंस) 2021-23 बैच के 2 दिवसीय ई-ओरिएंटेशन कार्यक्रम का आयोजन किया।
कार्यक्रम की शुरुआत IILM एकेडमी आफ हायर लर्निंग की निदेशक डाॅ0 नायला रूश्दी के स्वागत भाषण से हुई। नए बैच को ऑनलाइन संबोधित करते हुए डॉ0 नायला रूश्दी ने उन्हें पाँच जरूरी बातें बताई – अपना लक्ष्य हमेशा याद रखो, अपने आप से प्रतिस्पर्धा करो दूसरों से नहीं, सफलता के लिए कोई शाॅटकट नहीं होता कड़ी मेहनत करनी पड़ती है, सकारात्मक सोच बड़ी से बड़ी परेशानी का हल निकालने में मदद करती है और हमें अपने हक माँगने से पहले अपने कर्तव्य पूरे करने होते हैं। उन्होंने कहानियों के माध्यम से यह सारी बातें नये विद्यार्थियों को समझायी।
IILM की डीन डाॅ0 शीतल शर्मा ने विभिन्न व्यवसाय और प्रबंधन पहलुओं पर छात्रों को संबोधित किया और समग्र विकास के महत्व पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर काॅरपोरेट जगत और अकादमिक क्षेत्र के विभिन्न वक्ताओं और प्रतिष्ठित अतिथियों जैसे कि मुख्य अतिथि डाॅ0 द्वारिका प्रसाद उनियाल, प्रो0 वाइस चान्सलर, आर वी विश्वविद्यालय बैंगलोर, अथिति वक्ता मि0 कुनाल भारद्वाज, डिप्टी जोनल हैड, इन्डसइन्ड बैंक, अथिति वक्ता मि0 सार्थक सेठ, वाइस प्रेसीडेन्ट एण्ड चीफ मार्केटिंग आफिसर, टाटा रियल्टी एण्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, अथिति वक्ता मि0 अनूप मिश्रा, असिसटेण्ट ब्रान्च मैनेजर, आई0टी0सी0 लि0 और अथिति वक्ता मिस केना श्री, डिप्टी जनरल मैनेजर, एन0टी0पी0सी0 लि0 ने छात्रों के साथ अपने विचार साझा किए।
नए छात्रों को संबोधित करते हुए दिन के मुख्य वक्ता डाॅ0 द्वारिका प्रसाद उनियाल ने अपने संबोधन में कहा कि युवाओं को हर एक अवसर का भरपूर उपयोग करना आवश्यक है। छात्रों को विश्वास एवं संवेदना के साथ अपना कार्य का निर्वाहन करना चाहिये।
श्री कुनाल भारद्वाज ने जीवन में अनुशासन और स्पष्ट लक्ष्यों के साथ काम करने की आवश्यकता पर बल दिया।
श्री सार्थक सेठ ने सत्र की शुरुआत छात्रों को यह बताते हुए की कि ये दो वर्ष कैसे महत्वपूर्ण हैं और एक अच्छे व्यक्तित्व के विकास में मदद करते हैं। उन्होंने अच्छे विश्लेषणात्मक कौशल की मदद से निर्णय लेने में सामान्य ज्ञान के प्रभाव पर भी ध्यान केंद्रित किया। खुद को औरों से अलग करने का यही जरिया है। उन्होंने यह भी कहा कि निरंतरता सफलता की कुंजी है।
श्री अनूप मिश्रा ने ‘‘नए प्रबंधन स्नातकों से उद्योग की उम्मीदें’’ पर सत्र का संचालन किया, उन्होंने सीखने के लिए निम्नलिखित कौशल पर ध्यान केंद्रित किया – विश्लेषणात्मक कौशल, नवीनीकरण, समस्या और समाधान।
सुश्री केना श्री ने आने वाले दो वर्षाें में विद्यार्थी कैसे सर्वाधिक ज्ञान प्राप्त करें इस विषय चर्चा की। उन्होंने बड़ी ही कुशलता से कहानियों के जरिये विद्यार्थियों को समझाया। सभी छात्रों ने इस सत्र से उत्साहपूर्वक सीखा।
इस अवसर पर IILM लखनऊ परिवार के सभी संकाय सदस्यों और कर्मचारियों ने छात्रों से बातचीत की और उन्हें उनकी नई यात्रा के लिए शुभकामनाएँ दी।