पुस्तक मेले में साहित्य और सांस्कृति के संग राजनीति के पाठ
लखनऊ
चारबाग बाल संग्रहालय में चल रहे लखनऊ पुस्तक मेले के दूसरे दिन पुस्तक प्रेमियों की चहल-पहल शुरु हुई। साहित्यिक, सांस्कृतिक आयोजनों का साहित्यप्रेमियों ने आनंद लिया। देर शाम तक लोगों की आवाजाही बनी रही।
प्रकाशन विभाग के स्टॉल पर राष्ट्रपति राम कोविंद के भाषणों पर आधारित किताब लोकतंत्र के तेवर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधनों का संग्रह सबका साथ-सबका विकास, वैंकेया नायडू पर आधारित कॉफी टेबल बुक प्रमुख है। वाणी प्रकाशन के स्टॉल पर राजदीप सरदेसाई की 2019 मोदी की जीत, धर्मेंद्र कुमार की ब्रांड मोदी का तिलिस्म, रीता बहुगुणा जोशी व रामनरेश त्रिपाठी की लिखी हेमवती नंदन बहुगुणा की जीवन यात्रा, शशि थरूर की मैं हिन्दू क्यों हूं, ह्दय नारायण दीक्षित की मानवता अध्यात्म, ज्ञान का ज्ञान, अर्थववेद का मधु, ऋग्वेद एक परिचय मुख्य राजनैतिक चिंतन पर आधारित पुस्तकें हैं। नेशनल बुक ट्रस्ट के स्टॉल पर ओम प्रकाश पांडेय की भारत वैभव, आम्बेडकर यात्रा के पदचिन्ह, नेताजी सुभाष चंद्र बोस पर न हन्यते, गांधी के फिनिक्स व हमारा संविधान सहित अन्य पुस्तकें हैं। प्रकाशन संस्थान के स्टॉल पर महात्मा गांधी आधारित सत्य के प्रयोग, चक्रवर्ती सन्यासी सरदार पटेल, महानायक सुभाष चंद्र बोस सहित अन्य पुस्तकें हैं। बुकलैंड प्रतिष्ठान के स्टॉल पर राजकमल और राजपाल प्रकाशन के अलावा अन्य प्रकाशकों की पुस्तकें हैं। जिनमें अशोक कुमार पांडेय की उसने गांधी को मारा, कश्मीर और कश्मीरी पंडित, कश्मीरनामा, साहिर लुधियानवी की तल्खियां आदि प्रमुख पुस्तकें मौजूद हैं।
‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ थीम पर आधारित यह लखनऊ पुस्तक मेला तीन अप्रैल तक लगा रहेगा। पहली बार कोलकाता पुस्तकालय भी मेले में शामिल हुआ है। मेले के निदेशक आकर्ष चंदेल ने बताया कि यह 10 दिवसीय मेला तीन अप्रैल तक प्रतिदिन सुबह 11 बजे से रात नौ बजे तक चलेगा। कोविड-19 का पालन करते हुए मेले में निःशुल्क प्रवेश दिया जा रहा है। हर किताब पर न्यूनतम 10 प्रतिशत छूट दी जा रही है। लेखकों की प्रकाशित पुस्तकों के निःशुल्क स्टाल लगा है। मेले में हिन्दी, अंग्रेज़ी, उर्दू और सिन्धी जैसी कई भाषाओं की पुस्तकों के साथ अन्य सम्बंधित सामग्री के स्टाल सजे हैं। प्रमुख प्रकाशकों में प्रकाशन विभाग, नेशनल बुक ट्रस्ट, भारतीय ज्ञानपीठ, नेशनल लाइब्रेरी कोलकाता, वाणी प्रकाशन, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, सस्ता साहित्य मण्डल, सिंधी भाषा राष्ट्रीय परिषद, श्रीरामकृष्ण मिशन, प्रकाशन संस्थान, स्कालर्स हब आदि शामिल हैं।
साहित्यकार डॉ. रंगनाथ मिश्र स्मृति में काव्य समारोह
पुस्तक मेले के मंच पर अखिल भारतीय अगीत परिषद की ओर से साहित्यकार डॉ. रंगनाथ मिश्र ’सत्य’ को समर्पित काव्य-समारोह हुआ। जिसके अध्यक्ष डॉ वीजी गोस्वामी, मुख्य अतिथि डॉ. सुल्तान शाकिर हाशमी, विशिष्ट अतिथि डॉ. सत्यदेव ’पथिक’, डॉ. शिव मंगल सिंह ’मंगल’ व संयोजक अनुराग मिश्र व संचालक डॉ.योगेश थे। अनिल किशोर शुक्ल ’निडर’ की वाणी वंदना से शुरु हुए समारोह में रचनाकारों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से अगीताचार्य डॉ.’सत्य’ को अपनी भावांजलि अर्पित की। प्रो.वी.जी.गोस्वामी की कृति “अहसास की इबारतें“ का लोकार्पण हुआ। रामशंकर सिंह, बेअदब लखनवी,मनमोहन बरकोटी, डॉ.त्रिवेणीप्रसाद दूबे’ मनीष’, मुकेशानंद, तेज प्रताप श्रीवास्तव ’राही’, रूपा पांडेय ’शतरूपा’, मंजू सक्सेना ’विनोद’, अमिता सिंह, डॉ. सुषमा विप्लव ’सौम्या’ सहित अन्य ने रचनापाठ किया।
बच्चों, युवाओं ने दिखाये हुनर, हुआ विमोचन
दिन में मंच पर आयोजित विश्वम महोत्सव में बच्चों और युवाओं ने नृत्य, गायन की प्रतियोगिता में हुनर दिखाये। जिसमें क्रिएटिव डांस अकादमी, नवयुग कन्या महाविद्यालय के बच्चों ने उत्साह दिखाया। एक भारत श्रेष्ठ भारत और पर्यावरण सरंक्षण के संदेशपरक पोस्टर बनाये। अतुल्य भारत थीम पर आयजित कार्यक्रम में पूजा वर्मा ने ईश वंदना प्रस्तुत की। नमरा, मतीन व विधि ने लोक नृत्य की प्रस्तुति दी। मुख्य अतिथि लेखिका रुपा पांडेय सतरुपा, विशिष्ट अतिथि डॉ आरसी मौर्य और अध्यक्ष उपसचिव उत्तर प्रदेश शासन रेनू वर्मा की मौजूदगी में कार्यक्रम हुआ। डॉ ऋचा आर्या की पुस्तक कुछ अनकही का विमोचन हुआ। विश्वम फाउंडेशन के संस्थापक यूपी त्रिपाठी ने बताया कि कार्यक्रम में मुख्य वक्ता समीक्षा अधिकारी अमरेंद्र कुमार द्विवेदी, श्रवण कुमार, इरम गर्ल्स डिग्री कालेज की असिस्टेंट प्रोफेसर साजदा खातून, डॉ संध्या द्विवेदी, योग प्रशिक्षक डा.उदय प्रताप सिंह व शोधार्थी अंजलि मौजूद रहे। शाम को नवसमानुभूति की ओर से पुस्तक विमोचन व काव्य गोष्ठी आयोजित हुई।