फ्लोर टेस्ट से पहले बिहार में राजनीतिक टेंशन
बिहार की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। विधानसभा में 12 फरवरी को होने वाले फ्लोर टेस्ट से पहले सभी राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने विधायकों को एकजुट कर रही हैं। जेडीयू और बीजेपी के बाद आरजेडी ने भी अपने विधायकों की बैठक बुलाई, जिसमें दो विधायक नहीं पहुंचे। मीटिंग के बाद सभी विधायकों को ‘नजरबंद’ कर दिया गया है।
पटना स्थित राबड़ी के आवास पर शनिवार को राजद विधायकों की बैठक हुई। इस मीटिंग में आरजेडी के 79 विधायकों में से 77 विधायक पहुंचे, जबकि दो विधायक नीलम सिंह और कुमार सर्वजीत गायब थे। इसके बाद जब विधायक अपने-अपने घर जाने के लिए निकले तो उन्हें रोक लिया गया। वहीं, कांग्रेस के विधायक पहले से ही हैदराबाद में हैं।
खबर आ रही है कि तेजस्वी यादव के आवास पर सभी विधायकों को ठहराया गया है। ये लोग फ्लोर टेस्ट तक यहीं रहेंगे। उनके रहने खाने से लेकर सारी व्यवस्थाएं की गई हैं। इस मीटिंग में माले के विधायक भी आए थे, लेकिन उन्हें नहीं रोका गया है। विधायकों को नजरबंद करने से यही पता चलता है कि कहीं न कहीं आलाकमान को डर है कि कहीं उनके विधायक पाला न बदल दें।
खबर यह भी है कि आरजेडी की मीटिंग से जो दो विधायक गायब थे, उनमें बोधगया से विधायक कुमार सर्वजीत और मोकामा से विधायक एवं बाहुबली अनंत सिंह की पत्नी नीलम सिंह शामिल हैं। दोनों गायब विधायकों को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हैं। कुछ का कहना है कि ये दोनों विधायक आज या कल सुबह तक पहुंच जाएंगे तो कुछ का मानना है कि ये विधायक पाला बदल सकते हैं।
बिहार में विधायकों पर नजर क्यों रखी जा रही है, इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह फ्लोर टेस्ट है। जीतन राम मांझी भले ही दावा कर रहे हैं कि हम एनडीए के साथ ही रहेंगे, लेकिन बड़े विभाग की मांग को लेकर उनकी नाराजगी किसी से छिपी नहीं है। ऐसे में विपक्षी दलों को डर है कि कहीं उनके विधायक नीतीश सरकार के साथ न चले जाएं।