दिल्ली:
लाल किले की प्राचीर से आज पीएम मोदी ने देश को 10वीं बार संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने महंगाई पर बात की। महंगाई ने आम जनता का बजट बिगाड़कर रख दिया है, अपने संबोधन में यह बताने और इसका समाधान ढूंढने पर बात करने के बजाय, पीएम मोदी ने अपने संबोधन में इस मुद्दे पर अपनी सरकार की पीठ थपथपा दी।

लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी ने कहा, “महंगाई को नियंत्रित रखने के लिए पूरी कोशिश की जा रही है। पिछले कालखंड की तुलना में हमें कुछ सफलता भी मिली है। लेकिन इतने से संतोष नहीं मान सकते। दुनिया से हम बेहतर हैं, लेकिन हम इतने भर से नहीं रुक सकते। मुझे तो मरे देशवासियों पर महंगाई की बोझ कम से कम हो, इस दिशा में और भी कदम उठाने हैं। हम उस कदम को उठाकर रहेंगे। मेरा प्रयास निरंतर जारी रहेगा।”

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में यह नहीं बताया कि आसमान जितनी ऊंची महंगाई को जमीन पर लाने के लिए उनकी सरकार कौन-कौन से कदम उठा रही है? उन्होंने यह नहीं बताया कि वह कौन से कालखंड हैं, जिसमें उन्हें महंगाई डायन पर काबू पाने में कामयाबी मिली थी, जिसका जिक्र उन्होंने अपने संबोधन में किया। क्योंकि साल 2014 से देश में महंगाई का क्या आलम है यह भी किसी से छिपा नहीं है।

देश में हमंगाई की हकीकत यह है कि जुलाई 2023 में फुटकर महंगाई बढ़कर 7.44 फीसदी पर आ गई है। महंगाई का यह 15 महीने का उच्चतम स्तर है। इससे पहले अप्रैल 2022 में महंगाई 7.79 फीसदी रही थी। खाने-पीने का सामान खासकर सब्जियां महंगी होने के कारण महंगाई बढ़ी है। जून में फुटकर महंगाई 4.81 फीसदी रही थी।

कंज्यूमर फूड प्राइस इंडेक्स (CFPI) जुलाई महीने में बढ़कर 11.51 फीसदी हो गया है। जून में यह 4.49 फीसदी था। यह इंडेक्स खाने-पीने के सामान के दामों में बढ़ोतरी और उनमें कमी को दिखाता है। CPI बास्केट में लगभग आधी हिस्सेदारी खाने-पीने की चीजों की होती है। जुलाई में महंगाई आरबीआई के 6 फीसदी के ऊपरी टॉलरेंस लिमिट के पार निकल गई है।