फूलनदेवी की माँ ने आरक्षण अधिकार पदयात्रा को दिया समर्थन
जालौन में फूलनदेवी के गाँव पहुँची निषाद कश्यप पदयात्रा
टीम इंस्टेंटख़बर
सर्वदलीय निषाद कश्यप यूनियन की आरक्षण अधिकार पदयात्रा जिला जालौन में कालपी थाना क्षेत्र अंतर्गत पूर्व दस्यु सम्राट फूलनदेवी के गाँव पहुँची जहाँ फूलनदेवी की माँ मूलादेवी ने यात्रा संयोजक कुंवर सिंह निषाद को अपने घर बुलाकर आशीर्वाद दिया और कहा कि निषाद समाज को आरक्षण फूलनदेवी का सपना था जो अधूरा है पदयात्रा को इसके लिए मेरा पूरा आशीर्वाद तुम लोगों के साथ है
फूलनदेवी के जन्मस्थान पर स्थित फूलनदेवी की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद यात्रा का सुभारम्भ हुआ जिंसमे भारी संख्या में लोगों ने भाग लिया। पदयात्रा शेखपुर गुड़ा से चलकर गुड़ा पुरवा, धर्मपुर, मैनुपुर, हीरापुर और देवकली तक निकाली गई.
कई स्थानों पर सभाएं भी हुईं जिसमें यात्रा को संबोधित करते हुए कुँवर सिंह निषाद ने कहा कि यदि सरकार आरक्षण नहीं दिया तो सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए निषाद कश्यप समाज संकल्पित है, निषाद कश्यप समाज को अनुसूचित जाति में शामिल करने का वादा भाजपा के चुनाव घोषणा पत्र का अंग रहा है अब भाजपा अपने वादे से मुकर रही है उन्होंने कहा कि दिल्ली की सल्तनत का रास्ता लखनऊ से होकर जाता है यदि हमारी आवाज दबाई गई तो दिल्ली और लखनऊ दोनों को ही मोदी और योगी के लिये सपना बन जायेगा, साथ ही कुँवर निषाद ने कहा कि जब प्रधानमंत्री मोदी जी अपनी मोड़ घांची जाति को आरक्षण दे सकते हैं तो उत्तर प्रदेश के निषादों से क्या दुश्मनी है।
एकलव्य वेलफेयर सोसायटी के संयोजक विनोद सहनी ने कहा कि भाजपा सरकार का रवैया हमारे समाज को गुमराह करने वाला है हमें धोखे में रखा जा रहा है आरक्षण नहीं तो वोट नहीं ये हमारा नारा नहीं बल्कि हमारा संकल्प है।
राष्ट्रीय महान गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ पुरूषोत्तम निषाद ने कहा कि निषाद कश्यप समाज अब सड़क पर उतर चुका है अपना अधिकार लेकर ही रहेगा
राष्ट्रीय महान गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कैलाश निषाद ने कहा कि यदि हमारी माँगों को नजरअंदाज किया को भाजपा की नैया डुबाने के लिये हम कमर कस चुके हैं इंद्रजीत निषाद, मोहन निषाद, प्रेमशंकर निषाद, रामप्रकाश निषाद, बाबू निषाद, गोपाल निषाद, धर्मेंद्र निषाद, घनश्याम, सुनील कुमार, राजा बाबू, लालू निषाद, गिर्राज सिंह, गिरवर, संत स्वरूप, महेश निषाद, किशन प्रताप वर्मा, प्रेम सिंह वर्मा, नरेंद्र निषाद, अशोक कश्यप, अनिल कश्यप, बीरेश निषाद, हरपाल छौंकर, धीरज वर्मा, विमल निषाद, सुग्रीव सिंह निषाद, पदम सिंह निषाद, अनिल राजभर, रोहित कश्यप, हरिप्रसाद कश्यप, सुखदेव कश्यप आदि मुख्य रूप से पदयात्रा में शामिल रहे।