भागवत के बयान पर भड़के ओवैसी, कहा-मोहन के लिए, यह अभद्र भाषा का सालाना दिवस है
दिल्ली:
विजयदशमी के अवसर पर आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत की ओर से जनसंख्या असंतुलन पर नीति तैयार करने और सब पर समान रूप से लागू करने वाले बयान पर सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पलटवार करते हुए कहा कि मोहन के लिए, यह अभद्र भाषा का सालाना दिवस है. “जनसंख्या असंतुलन” के डर से दुनिया भर में नरसंहार, जातीय सफाई और हेट क्राइम्स हुए हैं. सर्बियाई राष्ट्रवादियों द्वारा अल्बानियाई मुसलमानों के नरसंहार के बाद कोसोवो का गठन किया गया था. देश में जनसंख्या नियंत्रण की कोई जरूरत नहीं है. मुसलमानों की प्रजनन दर में सबसे तेजी से गिरावट आई है.
ओवैसी ने अपने ट्वीट में कहा, “यदि हिंदुओं और मुसलमानों का “एक ही डीएनए” है, तो “असंतुलन” कहां पर है? जनसंख्या नियंत्रण की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि हमने पहले ही प्रतिस्थापन दर हासिल कर ली है. चिंता बढ़ती उम्र और उन बेरोजगार युवाओं की है जो बुजुर्गों की देखभाल नहीं कर सकते. मुसलमानों की प्रजनन दर में सबसे तेजी से गिरावट आई है.”
इससे पहले विजयादशमी के अवसर पर आज बुधवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नागपुर स्थित मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, “जनसंख्या नियंत्रण के साथ-साथ पांथिक आधार पर जनसंख्या संतुलन भी महत्व का विषय है जिसकी अनदेखी नहीं की जा सकती.”