सामाजिक क्रांति ही बहुजन समाज की अन्य क्रांतियों को मजबूती प्रदान कर सकती है : लक्ष्य
लखनऊ: लक्ष्य की महिला टीम ने “जगेगा बहुजन,बढ़ेगा बहुजन, हुक्मरान बनेगा बहुजन” अभियान के तहत एक भीमचर्चा का आयोजन लखनऊ के जानकीपुरम में स्थित बौद्ध विहार में किया और लक्ष्य संगठन के नववर्ष के कैलेंडर भी वितरित किए।
सामाजिक जागरूकता से ही सामाजिक क्रांति संभव है । सामाजिक जागरूकता से ही अच्छे बुरे का बोध होता है जिसके फलस्वरूप समाज में व्याप्त अंधविश्वास व कुरूतियों का अंत होता है और मनुष्य अपने हकों के लिए सचेत रहता है, समाज में एकता का भाव बनता है, स्वार्थ का अंत होता है, भाईचारा मजबूत होता है l व्यक्तिगत हित के बजाय मनुष्य में समाज का हित सर्वोपरि हो जाता है और समाज मिलकर संघर्ष की ओर बढ़ने लगता है अर्थात् सामाजिक क्रांति ही बहुजन समाज की अन्य क्रांतियों को मजबूती प्रदान कर सकती है अर्थात् अन्य क्रांतियों को जन्म देती है और यह वही सामाजिक क्रांति है जो मान्यवर कांशीराम साहब ने बहुजन समाज को दी अर्थात् समाज के एक-एक व्यक्ति को जागरूक करके देश व प्रदेश में राजनैतिक क्रान्ति को अंजाम तक पहुंचाया तथा मांगने वाले समाज को देश का हुक्मरान बना दिया। यह बात लक्ष्य की महिला कमांडरों ने भीम चर्चा के दौरान कही।
उन्होंने बहुजन समाज के लोगों से आवाह्न करते हुए कहा कि आओ मिलकर समाज के घर-घर, गांव-गांव चलें और मान्यवर कांशीराम साहब की सामाजिक क्रांति की चर्चा करें, ताकि एक व्यक्ति विशेष अपने स्वार्थ में मनुवाद की गोद में बैठकर अंबेडकरवाद का ढोंग ना कर सके l
इस भीम चर्चा में लक्ष्य कमांडर रेखा आर्या, राजकुमारी कौशल, धर्म प्रिया गौतम, रश्मि गौतम, उर्मिला गौतम, उर्मिला सिंह व एडवोकेट नीलम अंबेडकर, एस पी कौशल, ओमप्रकाश सिंह ने हिस्सा लिया।